वेटिकन सिटी की आर्थिक चुनौतियाँ: क्या संपत्तियों की बिक्री अनिवार्य है?
वेटिकन सिटी का आर्थिक संकट
वेटिकन सिटी, जो कि दुनिया का सबसे छोटा और रोमन कैथोलिक चर्च का आध्यात्मिक केंद्र है, वर्तमान में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। इस 0.49 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में लगभग 800 लोग निवास करते हैं, लेकिन यहां की सरकार न तो टैक्स वसूलती है और न ही कोई बॉंड जारी करती है। यह पूरा देश दान पर निर्भर है, लेकिन अब दान में कमी आ रही है, जिससे वेटिकन की आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है।
वेटिकन की विशेष राजनीतिक और धार्मिक संरचना
रोम के निकट स्थित यह देश अपनी अनूठी राजनीतिक और धार्मिक संरचना के लिए प्रसिद्ध है। भले ही यह क्षेत्रफल में सबसे छोटा हो, लेकिन इसके पास कई ऐतिहासिक धरोहरें और संपत्तियां हैं। फिर भी, वेटिकन की आय खर्च के मुकाबले कम हो गई है, जिससे इसे अपने आर्थिक मॉडल पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
आय और खर्च का असंतुलन
आय से ज्यादा खर्च में डूब रहा वेटिकन
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, वेटिकन सिटी की केंद्रीय प्रशासनिक संस्था 'होली सी' और रोमन कैथोलिक चर्च की कुल आय वर्ष 2021 में लगभग 878 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी, जबकि खर्च इससे अधिक था। वेटिकन अपने नागरिकों से टैक्स नहीं लेता और न ही सरकारी बॉंड जारी करता है। इसकी आय का मुख्य स्रोत 'पीटर्स पेंस' नामक दान है, जो दुनियाभर के कैथोलिक समुदाय से पोप के लिए जुटाया जाता है। यह दान हर साल जून के अंतिम रविवार को इकट्ठा किया जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें कमी आई है।
अमेरिका से दान में कमी
अमेरिका से सबसे ज्यादा दान
'पीटर्स पेंस' से मिलने वाले दान में अमेरिका का योगदान सबसे अधिक है। अमेरिका से हर साल 27 मिलियन डॉलर (2.7 करोड़ डॉलर) का दान आता है, लेकिन अब यहां से भी सहयोग में कमी आ रही है। वेटिकन सिटी के पास दुनिया के प्रमुख शहरों- इटली, लंदन, पेरिस, जिनेवा और स्विट्ज़रलैंड में 5,449 से अधिक संपत्तियां हैं, लेकिन इनसे होने वाली आमदनी निराशाजनक है। वर्ष 2023 में इन संपत्तियों से केवल 399 मिलियन डॉलर की कमाई हुई।
संपत्तियों की बिक्री का सुझाव
क्या वेटिकन को बेचनी होंगी अपनी संपत्तियां?
अमेरिका की 'पापल फाउंडेशन' के अध्यक्ष वार्ड फिट्जगेराल्ड ने सुझाव दिया है कि वेटिकन को कुछ संपत्तियां बेचने के लिए तैयार रहना चाहिए। अमेरिका के कैथोलिक यूनिवर्सिटी के चर्च मैनेजमेंट प्रोग्राम के निदेशक रॉबर्ट गेहल के अनुसार, वेटिकन को अमेरिका पर निर्भरता कम करनी होगी और अन्य देशों से दान जुटाने के उपाय करने होंगे। हालांकि, यह कार्य आसान नहीं होगा, क्योंकि यूरोपीय देशों में दान देने की संस्कृति सीमित है। यही कारण है कि वेटिकन की आर्थिक स्थिति पर गंभीरता से विचार करने का समय आ गया है।