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शकुन शास्त्र में छींक का महत्व: जानें कब होती है शुभ

शकुन शास्त्र में छींक को लेकर कई मान्यताएँ हैं। यह माना जाता है कि शुभ कार्यों से पहले छींक आना अशुभ होता है, जबकि कुछ स्थितियों में यह शुभ संकेत भी हो सकता है। जानें किन कार्यों से पहले छींक आना शुभ माना जाता है और इसका क्या महत्व है।
 

छींक और शकुन शास्त्र

शकुन शास्त्र में छींक के बारे में कई मान्यताएँ मौजूद हैं। यह माना जाता है कि जब कोई व्यक्ति किसी शुभ कार्य के लिए निकलता है और उसे छींक आती है, तो यह शुभ संकेत नहीं होता। ऐसी स्थिति में कार्य के सफल होने की संभावनाएँ कम हो जाती हैं।


छींक का समय और कार्य

यदि कोई व्यक्ति घर से बाहर निकलते समय या किसी कार्य की शुरुआत से पहले छींकता है, तो उस कार्य को उस समय नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से असफलता का सामना करना पड़ सकता है। शकुन शास्त्र के अनुसार, यदि घर में आए मेहमान के जाने पर छींक आती है, तो उसे यात्रा में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यदि छींक किसी छोटे बच्चे की होती है, तो यात्रा को सुखद माना जाता है।


छींक का शुभ संकेत

कुछ कार्य ऐसे हैं, जिनसे पहले छींक आना शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कि किन कार्यों से पहले छींक होना शुभ माना जाता है।


इन कामों से पहले छींक होना होता है शुभ


  • श्मशान या दुर्घटनास्थल पर छींक आना शुभ माना जाता है।

  • खाने या स्नान से पहले छींक आना भी शुभ होता है।

  • धन गिनते समय छींक आना भी शुभ माना जाता है।

  • यदि एक से अधिक बार छींक आती है, तो इसे भी शुभ माना जाता है।

  • दवाई लेते समय छींक आना स्वास्थ्य के लिए शुभ संकेत माना जाता है।