श्रीरामचरितमानस: आध्यात्मिक मार्गदर्शक और जीवन की समस्याओं का समाधान
श्रीरामचरितमानस का महत्व
बिलकुल, श्रीरामचरितमानस केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह मानव जीवन की समस्याओं का समाधान करने वाला आध्यात्मिक मार्गदर्शक भी है। इसमें दी गई चौपाइयाँ भय, शोक, असफलता, बीमारी और अशांति जैसी समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक मानी जाती हैं। यहाँ हम श्रीरामचरितमानस की एक अद्भुत चौपाई प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसका नित्य स्मरण और पाठ करने से मन को शांति मिलती है, भय दूर होता है और जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है:
चौपाई का अर्थ
जा पर कृपा राम की होई ।
ता पर कृपा करहिं सब कोई ॥
जिनके कपट, दम्भ नहिं माया ।
तिनके हृदय बसहु रघुराया ॥
इस चौपाई का अर्थ है कि जिन पर प्रभु श्री राम की कृपा होती है, उन्हें कोई सांसारिक दुःख छू नहीं सकता। जिनके अंदर कपट, झूठ और माया नहीं होती, उन्हीं के हृदय में रघुपति राम निवास करते हैं। साथ ही, उनके ऊपर प्रभु की कृपा सदैव बनी रहती है.
प्रभु से प्रार्थना
कहु तात अस मोर प्रनामा ।
सब प्रकार प्रभु पूरनकामा ॥
दीन दयाल बिरिदु संभारी।
हरहु नाथ मम संकट भारी॥
इस चौपाई का अर्थ है - भगवान श्री राम! आपको मेरा प्रणाम। आपसे मेरा निवेदन है कि हे प्रभु! यदि आप सभी प्रकार से पूर्ण हैं और दीन-दुखियों पर दया करना आपकी स्वाभाविक प्रवृत्ति है, तो कृपया मेरे सभी संकटों को दूर करें.
भगवान की इच्छा
होइहि सोइ जो राम रचि राखा ।
को करि तर्क बढ़ावै साखा ॥
अस कहि लगे जपन हरिनामा ।
गईं सती जहँ प्रभु सुखधामा ॥
इस चौपाई का अर्थ है - वही होगा जो राम जी चाहेंगे। इस संदर्भ में अधिक सोचने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इसका कोई लाभ नहीं होगा। ऐसा कहकर भगवान शिव हरि का नाम जपने लगे और सती वहां गईं जहां प्रभु राम का सुख का धाम था.