ॐ जाप के लाभ और नियम: मानसिक शांति के लिए आवश्यक जानकारी
Kaalchakra Today 20 June 2025
Kaalchakra Today 20 June 2025: देवी-देवताओं की पूजा में ॐ का जाप अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह एक मूल ध्वनि है, जो बोलने पर शरीर और मस्तिष्क में कंपन उत्पन्न करती है। ॐ की ध्वनि गले और गर्दन तक पहुँचती है, जबकि 'अ' ध्वनि पेट और छाती में गूंजती है। जब हम ॐ का जाप करते हैं, तो यह शरीर और प्रकृति को एक लय में लाता है, जिससे संतुलन बना रहता है और मस्तिष्क की अल्फा तरंगें बढ़ती हैं। अनिद्रा, चिंता और अवसाद से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए भी ॐ का जाप लाभकारी होता है। नियमित रूप से 5 मिनट तक ॐ का जाप करने से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता 20 से 25% तक बढ़ सकती है।
ॐ जाप का महत्व
शरीर में 7 मुख्य चक्र होते हैं। जो लोग नियमित रूप से ॐ का जाप करते हैं, उनके आज्ञा चक्र और सहस्त्रार चक्र सक्रिय होते हैं, जिससे सोचने-समझने की क्षमता और सकारात्मकता में वृद्धि होती है। केवल ॐ की ध्वनि सुनने से भी शरीर की कोशिकाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
ॐ का जाप करने के लाभ
- ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है।
- दिल की धड़कन धीमी होती है।
- सांस गहरी और नियंत्रित होती है।
- हृदय पर कम दबाव पड़ता है।
- नर्वस सिस्टम शांत होता है।
- मन शांत होता है।
- तनाव कम होता है।
- चिड़चिड़ापन कम होता है।
- मानसिक शांति मिलती है।
- एकाग्रता शक्ति बढ़ती है।
ॐ जाप के नियम
ब्रह्म मुहूर्त में या रात के समय किसी शांत स्थान पर पूजा करते समय या पीपल के पेड़ के नीचे सुखासन या वज्रासन में बैठकर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके ॐ का 21 बार उच्चारण करना शुभ होता है। जाप करते समय ध्यान भौहों के बीच यानी आज्ञा चक्र में लगाना चाहिए।
ॐ जाप के उपाय
- जिन लोगों को हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, थकान, या बेचैनी की समस्या है, उन्हें प्रकृति के बीच जाकर उत्तर या पूर्व दिशा में मुख करके वज्रासन या सुखासन में बैठकर सुबह-शाम 15-15 मिनट तक ॐ का उच्चारण करना चाहिए। इससे उनकी परेशानी जल्द दूर हो जाएगी।
- जो लोग मानसिक अशांति का अनुभव करते हैं, उन्हें ब्रह्म मुहूर्त में या रात के समय शांत स्थान पर बैठकर 21 बार ॐ का उच्चारण करना चाहिए।
- जो लोग नींद नहीं आती, उन्हें सोने से 10-15 मिनट पहले अपने कमरे में उत्तर दिशा की ओर मुख करके 21 बार ॐ का उच्चारण करना चाहिए।
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