34 वर्षीय श्रीलंकाई क्रिकेटर अक्षु फर्नांडो का निधन, क्रिकेट जगत में शोक
पूर्व अंडर-19 क्रिकेटर का निधन
श्रीलंकाई क्रिकेटर का निधन: श्रीलंका क्रिकेट को 30 दिसंबर को एक दुखद समाचार मिला। पूर्व अंडर-19 क्रिकेटर अक्षु फर्नांडो का 34 वर्ष की आयु में निधन हो गया, जो पिछले सात वर्षों से कोमा में थे।
दुर्घटना जिसने सब कुछ बदल दिया
दिसंबर 2018 में एक भयानक रेलवे दुर्घटना के बाद अक्षु ने जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष किया। एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी, जिसका करियर ऊंचाई पर था, अब इस दुनिया को अलविदा कह गया।
रेलवे हादसे का विवरण
दिसंबर 2018 में, अक्षु फर्नांडो एक ट्रेनिंग सेशन के बाद घर लौटते समय एक असुरक्षित रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे। इसी दौरान, वह एक तेज़ ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं और कई फ्रैक्चर हो गए।
उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया और लाइफ सपोर्ट पर रखा गया, जहां वह कई वर्षों तक कोमा में रहे। यह हादसा न केवल उनके करियर बल्कि उनके जीवन की दिशा को भी बदलने वाला साबित हुआ।
अंडर-19 विश्व कप में उनकी चमक
अक्षु फर्नांडो को जनवरी 2010 में न्यूजीलैंड में आयोजित ICC पुरुष अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के लिए श्रीलंका अंडर-19 टीम में शामिल किया गया था। इस टूर्नामेंट में उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, विशेषकर कनाडा और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनकी पारियों ने उन्हें पहचान दिलाई।
सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी 52 रनों की पारी ने उन्हें एक भरोसेमंद बल्लेबाज़ के रूप में स्थापित किया। श्रीलंका की टीम ने इस प्रतियोगिता में चौथा स्थान प्राप्त किया, और अक्षु उस सफर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे।
घरेलू क्रिकेट में उनकी यात्रा
अंडर-19 स्तर पर शानदार प्रदर्शन के बाद, अक्षु ने घरेलू क्रिकेट में भी अपनी पहचान बनाई। उन्होंने कई प्रतिष्ठित क्लबों का प्रतिनिधित्व किया और अपने नौ साल के करियर में 39 फर्स्ट-क्लास और 25 लिस्ट-ए मैच खेले।
हादसे से एक हफ्ते पहले, उन्होंने रागामा क्रिकेट क्लब के लिए अपना पहला फर्स्ट-क्लास शतक बनाया था।
क्रिकेट जगत की श्रद्धांजलि
अक्षु फर्नांडो के निधन की खबर से श्रीलंकाई क्रिकेट समुदाय शोक में डूब गया। रागामा क्रिकेट क्लब के वरिष्ठ प्रशासक और कमेंटेटर रोशन अबेसिंघे ने उन्हें एक होनहार और सज्जन व्यक्ति बताते हुए श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि अक्षु का करियर एक भयानक हादसे की भेंट चढ़ गया, लेकिन जो लोग उन्हें जानते थे, उनके दिलों में वह हमेशा जीवित रहेंगे। अक्षु की कहानी संघर्ष और अधूरे सपनों की एक प्रेरणादायक दास्तान है।