BCCI ने विदेशी टी20 लीग में भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी पर स्पष्टता दी
रोहित और विराट की विदेशी टी20 लीग में भागीदारी
रोहित और विराट की विदेशी टी20 लीग में भागीदारी: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) को आज की तारीख में दुनिया की सबसे प्रमुख टी20 लीग माना जाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि IPL एकमात्र ऐसी फ्रेंचाइज़ी लीग है, जिसमें सभी प्रमुख भारतीय खिलाड़ी भाग लेते हैं। विराट कोहली, रोहित शर्मा, शुभमन गिल और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी किसी भी विदेशी टी20 लीग में नहीं खेलते, क्योंकि BCCI के नियम इसकी अनुमति नहीं देते।
IPL 2026 से पहले एक बार फिर यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति मिलनी चाहिए। इस विषय पर IPL चेयरमैन अरुण सिंह धूमल ने BCCI का रुख स्पष्ट किया है।
विदेशी T20 लीग पर भारतीय खिलाड़ियों की पाबंदी का कारण
BCCI का नियम स्पष्ट है। जब तक कोई भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास नहीं लेता, तब तक उसे विदेशी T20 लीग में खेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस नियम का उद्देश्य भारतीय क्रिकेट की गुणवत्ता, खिलाड़ियों की फिटनेस और राष्ट्रीय टीम की प्राथमिकता को बनाए रखना है।
IPL चेयरमैन अरुण सिंह धूमल ने कहा कि भारत में पहले से ही इतना क्रिकेट होता है कि खिलाड़ियों के पास अतिरिक्त लीग खेलने का समय नहीं है। उनके अनुसार, विदेशी लीग में खेलने से खिलाड़ियों का वर्कलोड बढ़ जाएगा, जो लंबे समय में टीम इंडिया के लिए हानिकारक हो सकता है।
रोहित और विराट के रिटायरमेंट के बाद भी पाबंदी
यह सवाल चर्चा का विषय है कि क्या रोहित शर्मा और विराट कोहली के T20I से रिटायर होने के बाद उन्हें विदेशी टी20 लीग में खेलने की अनुमति मिलेगी। इस पर धूमल ने स्पष्ट किया कि केवल एक फॉर्मेट से संन्यास लेने का मतलब यह नहीं है कि खिलाड़ी विदेशी लीग खेल सकता है।
जब तक खिलाड़ी सक्रिय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर है और वनडे या टेस्ट खेल रहा है, तब तक नियम लागू रहेंगे। BCCI के अनुसार, खिलाड़ी की समग्र उपलब्धता और फिटनेस अधिक महत्वपूर्ण है, न कि यह कि वह किस फॉर्मेट में रिटायर हुआ है।
घरेलू क्रिकेट और वर्कलोड प्रबंधन
अरुण सिंह धूमल ने बताया कि BCCI ने अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य किया है। विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट भारतीय क्रिकेट की रीढ़ हैं। यदि खिलाड़ी विदेशी लीग में खेलने लगे, तो घरेलू क्रिकेट की अहमियत कम हो जाएगी।
साथ ही, लगातार क्रिकेट खेलने से चोट लगने का खतरा भी बढ़ता है। धूमल के अनुसार, भारत में इतने फैंस और इतने टूर्नामेंट हैं कि बोर्ड अपने खिलाड़ियों को बाहर भेजने की आवश्यकता नहीं महसूस करता।
बुमराह का उदाहरण और राष्ट्रीय टीम की प्राथमिकता
धूमल ने जसप्रीत बुमराह का उदाहरण देकर BCCI की सोच को स्पष्ट किया। बुमराह जैसे तेज गेंदबाजों को अक्सर दो टेस्ट के बाद आराम देना पड़ता है, ताकि वे लंबे समय तक फिट रह सकें। यदि ऐसे खिलाड़ी विदेशी लीग में खेलेंगे, तो उनका शरीर और अधिक दबाव में आ जाएगा।
BCCI का मानना है कि राष्ट्रीय टीम की सफलता सर्वोपरि है और इसके लिए खिलाड़ियों को सही समय पर आराम देना आवश्यक है। बोर्ड किसी भी स्थिति में ऐसा जोखिम नहीं लेना चाहता, जिससे भारतीय क्रिकेट को नुकसान पहुंचे।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, BCCI और IPL चेयरमैन का संदेश स्पष्ट है। वर्तमान परिस्थितियों में रोहित शर्मा, विराट कोहली या किसी भी सक्रिय भारतीय खिलाड़ी के लिए विदेशी T20 लीग खेलने की कोई संभावना नहीं है। वर्कलोड प्रबंधन और भारतीय क्रिकेट की प्राथमिकताएं इस निर्णय की मुख्य वजह हैं।