#BoycottCampa: सोशल मीडिया पर कैंपा कोला के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
कैंपा कोला का विवाद
बॉयकॉट कैंपा: कंपनी की मार्केटिंग टीम अपने उत्पादों के प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ती, लेकिन कभी-कभी उनकी गलतियों के कारण उन्हें सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ता है। हाल ही में, सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड कैंपा को एक बार फिर से विरोध का सामना करना पड़ा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर #BoycottCampa ट्रेंड करने लगा है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब कंपनी ने पुरी में होने वाली रथ यात्रा के प्रचार में एक विवादास्पद टैगलाइन का इस्तेमाल किया।
कंपनी ने रथ यात्रा के अवसर पर उड़ीसा में प्रचार के लिए होर्डिंग्स लगाए थे, जिसमें लिखा था, 'रथ का मार्ग, कैंपा के साथ'। इस प्रचार में मंदिर की तस्वीर भी शामिल थी, जिससे लोगों की भावनाएं आहत हुईं। कई यूजर्स ने आरोप लगाया कि कंपनी सस्ते प्रचार के लिए धार्मिक प्रतीकों का उपयोग कर रही है।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
यूजर्स ने एक्स प्लेटफॉर्म पर इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कीं। एक यूजर ने लिखा, 'यह सिर्फ स्वर-बहरापन नहीं है - यह आत्मा-बहरापन है।' वहीं, अन्य यूजर्स ने कैंपा को जवाबदेह ठहराने की मांग की। एक यूजर ने कहा, 'भगवान आशीर्वाद देते हैं, ब्रांडिंग नहीं।'
कैंपा कोला का इतिहास
कैंपा कोला की स्थापना 1977 में प्योर ड्रिंक्स ग्रुप द्वारा की गई थी। पहले यह कंपनी कोका-कोला के साथ मिलकर काम करती थी। हालांकि, विदेशी कोला ब्रांडों के आने के बाद यह बाजार से गायब हो गई। 2000 में, कंपनी ने अपने दिल्ली स्थित ऑफिस और प्लांट को बंद कर दिया। 2022 में, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इसे 22 करोड़ में खरीद लिया।
पिछले विवाद
यह पहली बार नहीं है जब किसी कंपनी के प्रचार पर विवाद हुआ है। इस साल फरवरी में OYO ने एक विज्ञापन में लिखा था, 'भगवान हर जगह है, और OYO भी', जिससे #BycottOYO ट्रेंड हुआ। इसी तरह, 2021 में डाबर ने एक समलैंगिक जोड़े को करवाचौथ मनाते हुए दिखाया था, जिससे विवाद खड़ा हुआ था।