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अभिमन्यु ईश्वरन: सचिन-कोहली जैसे टैलेंट का बर्बाद होना

अभिमन्यु ईश्वरन, जो सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे टैलेंट के धनी हैं, को कोच गंभीर द्वारा लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। उनके पिता ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की है, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे अभिमन्यु को लंबे समय से मौका नहीं मिला। उनके शानदार घरेलू रिकॉर्ड के बावजूद, टीम में नए खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जा रही है। जानें इस युवा खिलाड़ी की कहानी और कोच गंभीर के चयन पैटर्न पर उठते सवाल।
 

कोच गंभीर की अनदेखी

कोच गंभीर - भारतीय क्रिकेट में कई ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, जिन्हें सही समय पर अवसर नहीं मिलने के कारण उनका करियर ठहर जाता है। ऐसा ही एक मामला अभिमन्यु ईश्वरन के साथ देखने को मिला है, जिन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में हजारों रन बनाए हैं, लेकिन अभी तक भारतीय टीम में डेब्यू नहीं कर पाए हैं।

यहां तक कि इतने शानदार रिकॉर्ड के बावजूद, टीम इंडिया के हेड कोच गंभीर ने उन्हें नजरअंदाज किया है, जबकि वे पहले ही उन्हें मौका दे सकते थे। तो आइए जानते हैं कि यह खिलाड़ी कौन है।


अभिमन्यु के पिता का दिल टूटा

हम जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं, उनका नाम अभिमन्यु ईश्वरन है। कोच गंभीर के उनके करियर को बर्बाद करने के बारे में अभिमन्यु के पिता, रंगनाथन ईश्वरन ने खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कोच गंभीर ने अभिमन्यु को भरोसा दिलाया था कि उन्हें लंबा मौका मिलेगा और उन्हें एक-दो मैच के बाद बाहर नहीं किया जाएगा। लेकिन पिछले चार साल से उनका इंतजार जारी है और इस दौरान 15 नए खिलाड़ियों को टीम इंडिया में डेब्यू का मौका मिल चुका है।


अभिमन्यु की जगह सुदर्शन को मौका मिला

सबसे बड़ी नाराज़गी इस बात को लेकर है कि इंग्लैंड दौरे पर जब वन-डाउन बल्लेबाज की जरूरत थी, तब कोच गंभीर ने साई सुदर्शन को मौका दिया, जबकि अभिमन्यु का घरेलू क्रिकेट में इस पोजीशन पर शानदार रिकॉर्ड रहा है। उनके पिता का कहना है कि साई सुदर्शन के शुरुआती स्कोर (0, 31, 0, 61) यह साबित करते हैं कि कोच गंभीर अभिमन्यु को भी आज़मा सकते थे।


कोच गंभीर का चयन पैटर्न सवालों में

रंगनाथन ने यह भी सवाल उठाया कि करुण नायर, जो कभी वन-डाउन नहीं खेले, उन्हें अचानक इस पोजीशन पर क्यों उतारा गया? उनका मानना है कि टीम मैनेजमेंट ऐसे खिलाड़ियों को मौका दे रहा है जो मिडिल ऑर्डर में खेलते हैं, लेकिन ओपनिंग के असली दावेदारों को नजरअंदाज किया जा रहा है। यह न केवल अभिमन्यु के साथ अन्याय है, बल्कि टीम इंडिया के लिए भी घाटे का सौदा है।


शानदार घरेलू रिकॉर्ड

अभिमन्यु के प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 12,000 से अधिक रन हैं, जिसमें 37 शतक और 57 अर्धशतक शामिल हैं। 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने लगातार दो शतक जड़े, जबकि न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी उनका बल्ला खूब चला। 2021 में वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे। यह रिकॉर्ड बताता है कि अभिमन्यु में सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसा क्लास है।


अगर कोच गंभीर (Coach Gambhir) चाहते तो...

यह स्पष्ट है कि अगर कोच गंभीर चाहते तो अभिमन्यु को पहले ही टेस्ट टीम में मौका दिला सकते थे। इतने सालों का इंतजार न केवल खिलाड़ी का मनोबल गिराता है, बल्कि उसकी प्रगति भी रोक देता है। सचिन या कोहली को भी करियर की शुरुआत में समय पर मौका मिला, और उन्होंने उसका फायदा उठाकर इतिहास रच दिया। अभिमन्यु में भी वैसा ही पोटेंशियल है, लेकिन उन्हें कोच गंभीर की वजह से वही मौका नहीं मिल रहा।