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एजबेस्टन टेस्ट में विवादित चयन: प्रसिद्ध कृष्णा की जगह अर्शदीप को मिलना चाहिए था मौका

एजबेस्टन टेस्ट में भारतीय टीम के चयन पर विवाद खड़ा हो गया है। प्रसिद्ध कृष्णा को टीम में शामिल किया गया है, जबकि उनके हालिया प्रदर्शन पर सवाल उठ रहे हैं। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि अर्शदीप सिंह को इस मैच में खेलाना चाहिए था। जानें इस चयन के पीछे की कहानी और क्या यह भारतीय टीम के लिए सही निर्णय है।
 

एजबेस्टन टेस्ट का महत्व

एजबेस्टन टेस्ट (Edgbaston Test): इंग्लैंड और भारत के बीच चल रही टेस्ट श्रृंखला का दूसरा मैच बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर हो रहा है। इस मैच में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया है। यह मैच भारतीय टीम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यदि वे इसे जीतने में असफल रहते हैं, तो वे श्रृंखला में 2-0 से पीछे हो जाएंगे।


प्रसिद्ध कृष्णा का चयन

भारतीय टीम के प्रबंधन ने एजबेस्टन टेस्ट के लिए जो प्लेइंग 11 चुनी है, उसमें कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को शामिल किया गया है। हालांकि, इस टीम में एक ऐसा खिलाड़ी भी है जिसने हाल ही में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, फिर भी उसे टीम में रखा गया है।


फ्लॉप खिलाड़ी को मौका


यह खिलाड़ी रणजी खेलने के लिए फिट नहीं है, लेकिन गंभीर की जिद्द में एजबेस्टन टेस्ट मैच खेल रहा है।


टीम इंडिया के प्रबंधन ने एजबेस्टन टेस्ट के लिए जो प्लेइंग 11 का चयन किया है, उसमें दाएं हाथ के तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा को शामिल किया गया है। हाल के समय में उनका प्रदर्शन औसत रहा है, जिसके कारण उनके चयन पर सवाल उठ रहे हैं।



कप्तान शुभमन गिल द्वारा घोषित प्लेइंग 11 में प्रसिद्ध कृष्णा को शामिल किया गया है, जबकि उनके हालिया प्रदर्शन को देखते हुए यह निर्णय विवादास्पद है।


अर्शदीप सिंह को मौका क्यों नहीं मिला?

अर्शदीप सिंह का प्रदर्शन


एजबेस्टन टेस्ट में तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में प्रसिद्ध कृष्णा को मौका दिया गया है, जबकि अर्शदीप सिंह को नजरअंदाज किया गया है। सभी क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि अर्शदीप को इस मैच में खेलाना चाहिए था। प्रसिद्ध कृष्णा ने पिछले मैच में 5 विकेट तो लिए, लेकिन उनकी इकॉनमी रेट 6 से अधिक रही।


अर्शदीप सिंह की क्षमता


अर्शदीप सिंह को उनकी सटीक गेंदबाजी के लिए जाना जाता है। उन्हें बीसीसीआई द्वारा इस टेस्ट श्रृंखला में खेलने का मौका नहीं मिला, जबकि उनके प्रदर्शन में निरंतरता रही है। उन्होंने 21 प्रथम श्रेणी मैचों में 66 विकेट लिए हैं, जो उनकी क्षमता को दर्शाता है।