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गंभीर और गिल के बीच टीम चयन पर गरमा-गर्मी

मैनचेस्टर टेस्ट के तीसरे दिन, भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल के बीच टीम चयन को लेकर तीखी बहस हुई। गिल ने कुलदीप यादव को अंतिम एकादश में शामिल न करने के निर्णय पर सवाल उठाया, जबकि गंभीर ने बल्लेबाजी में गहराई बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस विवाद ने ड्रेसिंग रूम का माहौल तनावपूर्ण कर दिया और अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह मतभेद भारत के टेस्ट अभियान पर भारी पड़ेंगे।
 

ड्रेसिंग रूम में हुआ विवाद

गंभीर और गिल: मैनचेस्टर टेस्ट के तीसरे दिन भारतीय टीम की गेंदबाजी की कमजोरियों के उजागर होने के बाद ड्रेसिंग रूम में एक अप्रत्याशित घटना घटी। भारतीय टेस्ट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल के बीच टीम चयन को लेकर तीखी बहस हुई।


विवाद की जड़

इस बहस की शुरुआत तब हुई जब गिल ने कुलदीप यादव को अंतिम एकादश में शामिल न करने के निर्णय पर सवाल उठाया। गिल का मानना था कि मैनचेस्टर की पिच स्पिनरों के लिए अनुकूल है और ऐसे में कुलदीप को नजरअंदाज करना एक बड़ी गलती हो सकती है।


गंभीर का दृष्टिकोण

गंभीर बल्लेबाजी में गहराई बनाए रखने के पक्ष में

गौतम गंभीर ने बल्लेबाजी में गहराई बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि टीम को ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत है जो गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी योगदान दे सकें, इसलिए शार्दुल ठाकुर को प्राथमिकता दी गई। इस पर गिल ने तीखी प्रतिक्रिया दी, यह कहते हुए कि “अगर गेंदबाज विकेट नहीं लेंगे तो रन कौन बचाएगा?”


टीम प्रबंधन का बयान

टीम मैनेजमेंट का पक्ष

गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि टीम ने बल्लेबाजी संतुलन को प्राथमिकता दी है, जिसके कारण कुलदीप को जगह नहीं दी गई। हालांकि, यह बयान सवालों के घेरे में आ गया है, क्योंकि शार्दुल ठाकुर को सीमित ओवरों में ही गेंदबाजी का मौका मिला।


भविष्य की चुनौतियाँ

अब सवाल यह उठता है: क्या कोच और कप्तान के बीच यह मतभेद भारत के टेस्ट अभियान पर भारी पड़ेंगे? कुलदीप जैसे प्रभावशाली गेंदबाज को नजरअंदाज करना और ड्रेसिंग रूम में मतभेद टीम के लिए आने वाले WTC चक्र में बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं।