मिथाली राज ने क्रिकेट में नेतृत्व और मानसिक तैयारी पर साझा किए विचार
मिथाली राज का नेतृत्व पर दृष्टिकोण
कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में, भारत की पूर्व महिला क्रिकेट कप्तान मिथाली राज ने खिलाड़ियों के मानसिक तैयारी, मैदान पर व्यवहार और नेतृत्व के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि खिलाड़ी अक्सर अपनी कप्तान की बॉडी लैंग्वेज, नजरों और निर्णयों को ध्यान से देखते हैं, जिससे उन्हें कप्तान की भावनाओं का अंदाजा हो जाता है। कभी-कभी, एक साधारण नजर यह स्पष्ट कर देती है कि कप्तान संतुष्ट हैं या नाराज।
कप्तानी में संयम और संवाद का महत्व
मिथाली ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपने पूरे करियर में कभी भी मैदान या ड्रेसिंग रूम में गुस्सा नहीं किया। उनके अनुसार, किसी भी समस्या या असहमति को टीम मीटिंग में हल किया जाना चाहिए। सार्वजनिक रूप से गुस्सा दिखाने से टीम का माहौल खराब होता है और खिलाड़ियों के आत्मविश्वास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
खिलाड़ियों की तैयारी और प्रदर्शन
उन्होंने यह भी कहा कि कई बार खिलाड़ियों को यह नहीं पता होता कि उनके साथी किस तरह की तैयारी कर रहे हैं, और यही अनिश्चितता कई यादगार पारियों का कारण बनती है। जब खिलाड़ी अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करते हैं और आगे की सोचने से बचते हैं, तब उनका प्रदर्शन स्वाभाविक और प्रभावी होता है।
किताबों का महत्व और कप्तान की भूमिका
मिथाली ने पढ़ाई की आदत पर भी चर्चा की और बताया कि वह जिस किताब को पढ़ रही हैं, वह इस सोच का विस्तार है—जहां हर खिलाड़ी अपनी तैयारी स्वयं करता है और कप्तान का कार्य विश्वास बनाए रखना होता है। उन्होंने यह भी कहा कि एक अच्छी कप्तान वह होती है जो टीम को स्वतंत्रता देती है, न कि डर के माहौल में रखती है।
प्रेरणादायक विचार
मिथाली के ये विचार न केवल क्रिकेट, बल्कि हर टीम-आधारित खेल और नेतृत्व की भूमिका निभाने वालों के लिए प्रेरणादायक हैं। उनका मानना है कि संयम, संवाद और विश्वास ही किसी भी सफल टीम की असली ताकत होते हैं।