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रोहित शर्मा की ऐतिहासिक तिहरा शतक, रणजी में किया धमाल

रोहित शर्मा ने रणजी ट्रॉफी में एक ऐतिहासिक पारी खेलते हुए 322 गेंदों में 309 रन बनाकर तिहरा शतक लगाया। इस पारी में उनकी स्ट्राइक रेट 96 थी, जो लाल गेंद के क्रिकेट में बेहद दुर्लभ है। जानें इस पारी की खासियतें और रोहित के करियर पर इसका प्रभाव।
 

रोहित शर्मा की तूफानी पारी

रोहित शर्मा: भारतीय क्रिकेट के हिटमैन रोहित शर्मा को उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है। सीमित ओवरों में उनके रिकॉर्ड अद्वितीय हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्होंने घरेलू क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन किया है? साल 2009 में रणजी ट्रॉफी के एक मैच में उन्होंने ऐसा कुछ किया, जिसने साबित कर दिया कि वह लाल गेंद के खिलाफ भी उतने ही खतरनाक हैं।


रोहित का तिहरा शतक

322 गेंदों में 309 रन

यह ऐतिहासिक पारी मुंबई और गुजरात के बीच खेली गई थी। गुजरात ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया, लेकिन रोहित की तूफानी बैटिंग ने उनके इस फैसले को गलत साबित कर दिया। जब रोहित बल्लेबाजी करने आए, तब मुंबई की पारी थोड़ी कमजोर थी, लेकिन उन्होंने न केवल टीम को संभाला, बल्कि विरोधी गेंदबाजों को भी ध्वस्त कर दिया। रोहित ने 322 गेंदों में 309 रन बनाए, और वह भी लगभग 96 की स्ट्राइक रेट से। लाल गेंद के इस पारंपरिक फॉर्मेट में इस तरह की स्ट्राइक रेट के साथ तिहरा शतक बनाना बेहद दुर्लभ है। इस पारी में उन्होंने 48 चौके और 4 छक्के लगाए, जो उनकी तकनीक और आक्रामकता का बेहतरीन उदाहरण है।


मैच की बारीकियां

मैच की बारीकियां

यह पारी किसी आसान पिच पर नहीं थी। यह एक क्लासिक रणजी ट्रॉफी मैच था, जहां गेंदबाजों को मदद मिल रही थी, लेकिन रोहित ने मैदान के चारों ओर शॉट्स लगाकर सभी गेंदबाजों को पस्त कर दिया। उनकी इस पारी के दम पर मुंबई ने पहली पारी में 648 रन बनाए। सुशांत मराठे ने 144 और अजिंक्य रहाणे ने 56 रनों का योगदान दिया। हालांकि, रोहित के तिहरे शतक के बावजूद मुंबई यह मुकाबला नहीं जीत सकी। गुजरात ने भी शानदार बल्लेबाजी की और 502 रन बनाकर मैच को ड्रॉ पर समाप्त किया। लेकिन उस मैच की सबसे बड़ी चर्चा रोहित की ऐतिहासिक पारी रही।


रोहित का टेस्ट डेब्यू

2010 में होने वाला था रोहित का टेस्ट डेब्यू

रोहित के इस प्रदर्शन ने उन्हें टेस्ट टीम में जगह दिलाने का रास्ता खोला। 2010 में उनका डेब्यू लगभग तय था, लेकिन दुर्भाग्यवश एक फुटबॉल खेलते समय उन्हें चोट लग गई, जिससे उनका टेस्ट डेब्यू तीन साल के लिए टल गया। उन्हें 2013 तक इंतजार करना पड़ा। आज, भले ही रोहित को सफेद गेंद के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिना जाता है, लेकिन यह बात अक्सर लोग भूल जाते हैं कि उन्होंने लाल गेंद के क्रिकेट में भी 129 मैच खेलकर 9318 रन, 29 शतक और 38 अर्धशतक बनाए हैं।

उनका फर्स्ट क्लास औसत 49 से ऊपर है, जो यह दर्शाता है कि हिटमैन केवल सीमित ओवर्स के विशेषज्ञ नहीं हैं, बल्कि हर फॉर्मेट के चैंपियन हैं। 2009 की रणजी में उनकी यह पारी न केवल उनके करियर का मील का पत्थर थी, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट को यह विश्वास दिलाने वाला प्रदर्शन था कि भविष्य में टेस्ट क्रिकेट में भी एक 'हिटमैन' धमाका करेगा — और रोहित ने वैसा ही किया।