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WTC फाइनल में मार्नस लाबुशेन की कमजोरी फिर उजागर

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में मार्नस लाबुशेन की बल्लेबाजी ने सभी को निराश किया। ओपनर के रूप में उनकी पहली पारी में उम्मीदें पूरी नहीं हुईं, और दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों ने उनकी कमजोरी का फायदा उठाया। जानें कैसे लाबुशेन ने 17 रन बनाकर पवेलियन लौटने का फैसला किया और ऑस्ट्रेलिया ने पहले तीन ओवरों में ही अपने महत्वपूर्ण विकेट खो दिए। इस मैच में रबाडा की गेंदबाजी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
 

मार्नस लाबुशेन की निराशाजनक पारी

Marnus Labuschagne: वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में कप्तान पैट कमिंस द्वारा उठाए गए कदम ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए फायदेमंद साबित नहीं हुए। ओपनर के रूप में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले लाबुशेन ने उम्मीदों पर खरा उतरने में असफलता पाई। उन्हें डब्ल्यूटीसी फाइनल में बड़ी पारी की उम्मीद थी, लेकिन वह टीम को संकट में छोड़कर वापस लौट गए। 56 गेंदों का सामना करने के बावजूद, लाबुशेन वह प्रदर्शन नहीं कर सके, जिसके लिए उन्हें ओपनिंग में प्रमोट किया गया था। दक्षिण अफ्रीका ने उनकी सबसे बड़ी कमजोरी का फायदा उठाया और एक बार फिर लाबुशेन की असफलता सामने आई।


लाबुशेन की पारी में निराशा

उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे लाबुशेन


उस्मान ख्वाजा के साथ पारी की शुरुआत करने वाले लाबुशेन से ऑस्ट्रेलियाई टीम को बड़ी पारी की उम्मीद थी। ख्वाजा बिना रन बनाए लौट गए, जबकि कैमरून ग्रीन ने केवल 4 रन बनाए। एक ही ओवर में ऑस्ट्रेलिया ने दो महत्वपूर्ण विकेट खो दिए। अब फैंस को उम्मीद थी कि लाबुशेन स्टीव स्मिथ के साथ मिलकर टीम को इस मुश्किल स्थिति से बाहर निकालेंगे। लेकिन, लाबुशेन 17 रन बनाकर मार्को यानसन के जाल में फंस गए। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज के खिलाफ उनकी कमजोरी एक बार फिर उजागर हुई। 2022 से लाबुशेन लेफ्ट आर्म फास्ट बॉलर के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में उन्होंने बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों के खिलाफ 271 गेंदें खेली हैं, जिसमें उन्होंने 104 रन बनाए और 6 बार अपना विकेट गंवाया।


रबाडा की शानदार गेंदबाजी

रबाडा ने दिलाई धांसू शुरुआत


वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में टॉस साउथ अफ्रीका के पक्ष में गया, और टेंबा बावुमा ने गेंदबाजी का निर्णय लिया। कगिसो रबाडा और मार्को यानसन ने पहले तीन ओवरों में कसी हुई गेंदबाजी की, जिससे ख्वाजा और लाबुशेन को एक रन भी नहीं बनाने दिया। रबाडा ने पारी के सातवें ओवर में ख्वाजा को बिना खाता खोले पवेलियन भेजा। इसी ओवर में ग्रीन को भी आउट किया। ग्रीन ने केवल 4 रन बनाए। ट्रेविस हेड भी 11 रन बनाकर आउट हुए। लंच ब्रेक तक ऑस्ट्रेलिया ने 4 बड़े विकेट खो दिए और स्कोर बोर्ड पर केवल 67 रन थे।