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अजिंक्य रहाणे का चयन प्रक्रिया में सुधार का सुझाव

पूर्व भारतीय कप्तान अजिंक्य रहाणे ने चयन प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने सुझाव दिया कि हाल ही में संन्यास लेने वाले खिलाड़ियों को चयनकर्ता बनाया जाए, ताकि वे आधुनिक क्रिकेट को बेहतर समझ सकें। रहाणे का मानना है कि खिलाड़ियों को चयनकर्ताओं से डरने की जरूरत नहीं होनी चाहिए और चयन प्रक्रिया में बदलाव की आवश्यकता है। जानें उनके विचार और चेतेश्वर पुजारा का संतुलित दृष्टिकोण।
 

अजिंक्य रहाणे का बयान


अजिंक्य रहाणे: पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान अजिंक्य रहाणे ने चयन प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया है। उनका मानना है कि वर्तमान चयन प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव की आवश्यकता है ताकि खिलाड़ी बिना किसी डर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें। रहाणे ने बीसीसीआई को सुझाव दिया कि हाल ही में क्रिकेट से संन्यास लेने वाले खिलाड़ियों को चयनकर्ता बनाया जाए, जो आधुनिक क्रिकेट और टी20 प्रारूप को अच्छी तरह समझते हों।


खिलाड़ियों को चयनकर्ताओं से डरने की आवश्यकता नहीं

रहाणे ने चेतेश्वर पुजारा के साथ बातचीत में कहा कि खिलाड़ियों को चयनकर्ताओं से डरने की कोई आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि चयनकर्ताओं को ऐसे व्यक्तियों से होना चाहिए, जिन्होंने पिछले 5-7 वर्षों में क्रिकेट खेला हो। उनका मानना है कि क्रिकेट का स्वरूप तेजी से बदल रहा है, विशेषकर टी20 और आईपीएल के युग में। इसलिए, चयनकर्ताओं का दृष्टिकोण भी आधुनिक क्रिकेट के अनुरूप होना चाहिए।


BCCI को सुझाव

अजिंक्य रहाणे ने BCCI को दिया सुझाव


पुजारा के साथ अपने यूट्यूब चैनल पर चर्चा करते हुए रहाणे ने कहा, 'हमें ऐसे चयनकर्ताओं की आवश्यकता है जो हाल के समय में क्रिकेट खेल चुके हों। क्रिकेट अब पहले जैसा नहीं रहा है। टी20 और आईपीएल ने खेल के तरीके को बदल दिया है। चयनकर्ताओं को यह समझना होगा कि आज के खिलाड़ी किस मानसिकता के साथ खेलते हैं।'


पुराने नियमों में बदलाव की आवश्यकता

पुराने नियमों में बदलाव की जरूरत


बीसीसीआई के वर्तमान नियमों के अनुसार, राज्य चयनकर्ता बनने के लिए पूर्व खिलाड़ियों को कम से कम 10 प्रथम श्रेणी मैच खेलने की आवश्यकता होती है, लेकिन इसके लिए 5 साल का कूलिंग-ऑफ पीरियड अनिवार्य है। राष्ट्रीय चयन समिति के लिए नियम और भी सख्त हैं। रहाणे का मानना है कि ये नियम अब पुराने हो चुके हैं और इन्हें बदलने की आवश्यकता है।


उन्होंने कहा, 'हमें 20-30 साल पुराने क्रिकेट के आधार पर निर्णय नहीं लेने चाहिए। टी20 और आईपीएल जैसे प्रारूप में खिलाड़ियों की शैली और दबाव अलग होते हैं। चयनकर्ताओं को सभी राज्यों से होना चाहिए ताकि खिलाड़ी बिना किसी दबाव के स्वतंत्र और निडर क्रिकेट खेल सकें।'


चेतेश्वर पुजारा का दृष्टिकोण

चेतेश्वर पुजारा का संतुलित नजरिया


इस विषय पर चेतेश्वर पुजारा ने कहा, 'बड़े राज्यों में इस तरह का बदलाव संभव है क्योंकि वहां कई विकल्प मौजूद हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पुराने दिग्गज क्रिकेटरों को, जिनका रिकॉर्ड शानदार है, चयनकर्ता बनने का मौका न मिले, भले ही उन्होंने काफी पहले संन्यास लिया हो।'