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अनिल कुंबले ने भारतीय टेस्ट टीम की कमजोरी का किया खुलासा

अनिल कुंबले ने भारतीय टेस्ट क्रिकेट के हालिया प्रदर्शन पर चिंता जताई है, जिसमें प्रमुख बल्लेबाजों के संन्यास का असर प्रमुख कारण बताया गया है। उन्होंने कहा कि लगातार बदलावों ने खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को प्रभावित किया है। कुंबले ने स्थिरता और धैर्य की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि नए खिलाड़ियों को खुद को साबित करने का मौका मिल सके। जानें इस विषय पर कुंबले के और क्या विचार हैं।
 

अनिल कुंबले का बयान


नई दिल्ली: भारत के पूर्व मुख्य कोच और महान स्पिनर अनिल कुंबले ने हाल ही में भारतीय टेस्ट क्रिकेट के खराब प्रदर्शन के पीछे की असली वजह बताई है। उनके अनुसार, विराट कोहली, रोहित शर्मा और चेतेश्वर पुजारा जैसे प्रमुख बल्लेबाजों का संन्यास इस स्थिति का एक महत्वपूर्ण कारण है।


अजिंक्या रहाणे का टीम से बाहर होना भी भारतीय बल्लेबाजी की मौजूदा कमजोरी का एक बड़ा कारण है। इन बदलावों ने टीम के शीर्ष क्रम को पूरी तरह से प्रभावित किया है।


टॉप-5 में चार प्रमुख बल्लेबाजों की अनुपस्थिति

टॉप-5 में चार दिग्गज गायब


कुंबले ने जियोहॉटस्टार पर बातचीत के दौरान कहा कि पिछले तीन-चार वर्षों में भारतीय टेस्ट टीम के शीर्ष पांच बल्लेबाजों में काफी बदलाव आया है। विराट कोहली और रोहित शर्मा ने मई में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया।


चेतेश्वर पुजारा ने अगस्त में संन्यास लिया, जबकि अजिंक्या रहाणे जुलाई 2023 के बाद से टीम में जगह नहीं बना पाए। इस समय कप्तान शुभमन गिल गर्दन की चोट के कारण बाहर हैं।


कुंबले का बड़ा बयान

कुंबले ने दिया बड़ा बयान


कुंबले ने कहा, "टॉप-5 में से चार बल्लेबाज या तो रिटायर हो चुके हैं या टीम से बाहर हैं। शुभमन गिल की गैरमौजूदगी कप्तान के रूप में खलती है, लेकिन एक बल्लेबाज के रूप में उनकी कमी और भी अधिक महसूस हो रही है।"


खिलाड़ियों की परेशानियों का कारण

लगातार बदलाव ने खिलाड़ियों को किया परेशान


कुंबले का मानना है कि बार-बार बल्लेबाजी क्रम में बदलाव नए खिलाड़ियों को खुद को साबित करने का अवसर नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 10-12 टेस्ट मैचों में शीर्ष क्रम में बहुत अधिक बदलाव हुए हैं, जिससे खिलाड़ियों में असुरक्षा का भाव उत्पन्न हो रहा है।


उन्होंने कहा, "कुछ दिन खराब भी चलेंगे, लेकिन नए खिलाड़ियों को कम से कम 6-7 या 8 टेस्ट तक लगातार मौका मिलना चाहिए। जब हर सीरीज में क्रम बदलता है, तो खिलाड़ी का आत्मविश्वास प्रभावित होता है। यह अस्थिरता टीम के प्रदर्शन पर स्पष्ट रूप से दिख रही है।"


धैर्य और स्थिरता की आवश्यकता

अब जरूरत है धैर्य और स्थिरता की


अनिल कुंबले ने कहा कि मौजूदा बल्लेबाजों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन्हें लगातार अवसर और विश्वास की आवश्यकता है। दिग्गजों के जाने से जो खालीपन आया है, उसे भरने में समय लगेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि टीम प्रबंधन को अब एक स्थिर बल्लेबाजी क्रम बनाने और उसे लंबे समय तक बनाए रखने की आवश्यकता है।