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अनिल मोर ने ग्रीको रोमन कुश्ती में स्वर्ण पदक जीतकर रचा इतिहास

अनिल मोर, एक साधारण किसान परिवार से आने वाले पहलवान, ने उलानबाटार ओपन 2025 कुश्ती चैंपियनशिप में 55 किलोग्राम ग्रीको रोमन वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल हरियाणा का नाम रोशन किया, बल्कि यह साबित किया कि मेहनत और समर्पण से कोई भी युवा अपने सपनों को साकार कर सकता है। अनिल की जीत के बाद गांव में उनका भव्य स्वागत हुआ, और विधायक ने स्टेडियम निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया।
 

अनिल मोर की ऐतिहासिक जीत

अनिल मोर ने ग्रीको रोमन कुश्ती में स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रच दिया है: हिसार के एक छोटे से गांव बास से एक प्रेरणादायक कहानी सामने आई है, जिसने हर भारतीय को गर्वित किया है। अनिल मोर, जो एक साधारण किसान परिवार से हैं, ने उलानबाटार ओपन 2025 कुश्ती चैंपियनशिप में 55 किलोग्राम ग्रीको रोमन वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया।


किर्गिस्तान के मुराटबेक उलु को पिन फॉल से हराकर अनिल ने न केवल हरियाणा, बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन किया। उनकी इस उपलब्धि ने यह सिद्ध कर दिया है कि मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन से कोई भी युवा बड़े सपने साकार कर सकता है।अनिल मोर


रोहतक के गुरु मेहर सिंह अखाड़ा में कोच रणबीर सिंह ढाका के मार्गदर्शन में अनिल ने अपनी कुश्ती की कला को निखारा। खेतों में अपने पिता के साथ काम करने वाले इस युवा ने कठिन परिश्रम और अनुशासन के बल पर यह मुकाम हासिल किया।


इससे पहले, अनिल ने नॉर्डिक सिस्टम चैंपियनशिप में अपने सभी चार मुकाबलों में जीत हासिल की थी। उनकी उपलब्धियों में एशियाई चैंपियनशिप 2019 में रजत पदक, खेलो इंडिया यूथ गेम्स में दो स्वर्ण पदक और जूनियर नेशनल चैंपियनशिप 2024-25 में दो स्वर्ण पदक शामिल हैं। यह स्वर्ण पदक हरियाणा के लिए सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में ग्रीको रोमन वर्ग का पहला स्वर्ण है, जो इसे और भी खास बनाता है।


जब अनिल स्वर्ण पदक के साथ अपने गांव लौटे, तो उनका स्वागत एक उत्सव की तरह हुआ। मुंढाल से बास गांव तक खुली जीप में ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं के साथ ग्रामीणों ने उनका जोरदार अभिनंदन किया। इस अवसर पर नारनौंद विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस विधायक जस्सी पेटवाड़ सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।


ग्रामीणों का उत्साह देखने लायक था, और उन्होंने अनिल के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। विधायक जस्सी पेटवाड़ ने कहा, “एक किसान परिवार से आने वाले अनिल ने यह साबित कर दिया कि मेहनत और प्रतिभा के आगे कोई बाधा नहीं टिकती।”


इस जीत ने गांव में एक नई मांग को जन्म दिया है। विधायक ने बास गांव में स्टेडियम निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि युवा खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि स्टेडियम बनने से गांव के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का और बेहतर मौका मिलेगा। अनिल की इस उपलब्धि ने न केवल खेल जगत में एक नया अध्याय जोड़ा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन गया है।