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इंग्लैंड और भारत के बीच टेस्ट मैच से पहले पिच विवाद

इंग्लैंड और भारत के बीच 31 जुलाई से शुरू होने वाले 5वें टेस्ट से पहले ओवल में पिच विवाद ने तूल पकड़ लिया है। भारतीय कोच गौतम गंभीर और पिच क्यूरेटर ली फोर्टिस के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड की आलोचना की। चोपड़ा ने फोर्टिस के व्यवहार को दोगला करार दिया और गंभीर के शब्दों पर भी चर्चा की। जानें इस विवाद के सभी पहलुओं के बारे में।
 

ENG vs IND 5वां टेस्ट: ओवल में विवाद

ENG vs IND 5वां टेस्ट: इंग्लैंड और भारत के बीच 31 जुलाई से शुरू होने वाले पांचवें टेस्ट से पहले ओवल में विवाद ने तूल पकड़ लिया है. भारतीय कोच गौतम गंभीर और ओवल के पिच क्यूरेटर ली फोर्टिस के बीच मंगलवार 29 जुलाई को तीखी बहस हो गई. 


आकाश चोपड़ा की आलोचना

इस घटना पर पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने फोर्टिस और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड की कड़ी आलोचना की है, इसे दोहरे मानदंड का उदाहरण बताया है. गंभीर और फोर्टिस के बीच हुई बहस के चलते चोपड़ा ने इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड पर निशाना साधा है.


गौतम गंभीर और फोर्टिस के बीच नोकझोंक

मंगलवार को भारतीय टीम के वैकल्पिक ट्रेनिंग सेशन के दौरान गौतम गंभीर और पिच क्यूरेटर ली फोर्टिस के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. गंभीर ने फोर्टिस से कहा, "जाओ, जो रिपोर्ट करना चाहते हो करो, तुम बस एक ग्राउंड्समैन हो."


यह बहस तब शुरू हुई जब फोर्टिस ने भारतीय खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को पिच के पास जाने से रोका. भारतीय बैटिंग कोच सितांशु कोटक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि खिलाड़ी रबर स्पाइक्स पहने हुए थे, फिर भी फोर्टिस ने उन्हें पिच से दूर रहने को कहा और सपोर्ट स्टाफ पर चिल्लाए, जिसके बाद गंभीर भड़क गए.


चोपड़ा की फटकार

पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने इस घटना पर अपनी यूट्यूब चैनल पर खुलकर बात की और फोर्टिस के व्यवहार को 'अजीब' और 'अपमानजनक' बताया. उन्होंने 2023 की एशेज सीरीज का जिक्र किया, जहां फोर्टिस को इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैकुलम के साथ मैच से दो दिन पहले पिच पर खड़े देखा गया था. चोपड़ा ने सवाल उठाया, "अगर फोर्टिस 48 घंटे पहले इंग्लैंड के कोच के साथ पिच पर खड़े हो सकते हैं, तो भारतीय खिलाड़ी और कोच पिच के पास भी नहीं जा सकते? यह व्यवहार पूरी तरह दोगला है."


गंभीर के शब्दों पर बहस

चोपड़ा ने माना कि गंभीर ने फोर्टिस के लिए जो शब्द इस्तेमाल किए, वे शायद उचित नहीं थे. उन्होंने कहा, "गंभीर का पद ऐसा है कि उन्हें शब्दों का चयन सावधानी से करना चाहिए. लेकिन मैं समझ सकता हूं कि ऐसी स्थिति में कोई व्यक्ति गुस्से में क्या महसूस करता है."