उत्तर प्रदेश में फार्म-स्टे योजना: 40 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी का लाभ उठाएं!
उत्तर प्रदेश की नई फार्म-स्टे योजना
उत्तर प्रदेश में फार्म-स्टे योजना: गांवों को पर्यटन का नया केंद्र बनाने के लिए सरकार की पहल: उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों को पर्यटन का नया केंद्र बनाने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है। इस 'फार्म-स्टे होम योजना' के तहत, खेतों में होम-स्टे स्थापित करने वालों को 40 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
यह योजना न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएगी, बल्कि पर्यटकों को गांव की संस्कृति और कृषि का अनुभव भी प्रदान करेगी। अब शहरी लोग भी गांव की ताजगी, संस्कृति और कृषि का आनंद ले सकेंगे।
फार्म-स्टे योजना का विवरण
फार्म-स्टे का अर्थ है खेतों या उनके आस-पास एक विशेष पर्यटक आवास का निर्माण। यह आवास मालिक के घर से अलग होगा और विशेष रूप से पर्यटकों के लिए तैयार किया जाएगा। इसमें कम से कम दो किराए के कमरे और एक रिसेप्शन क्षेत्र होना अनिवार्य है।
मेहमानों को ठहरने की सुविधा के साथ-साथ गांव की संस्कृति और कृषि से जुड़ी गतिविधियों में भाग लेने का अवसर भी मिलेगा। जैसे, हल चलाना, फसल काटना, बागवानी, मछली पालन, डेयरी फार्मिंग, पशुपालन या जैविक खेती का अनुभव। इससे पर्यटक असली भारत को नजदीक से जान सकेंगे।
सब्सिडी की राशि
इस योजना का सबसे बड़ा आकर्षण इसकी सब्सिडी है। सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई लाभकारी प्रस्ताव दिए हैं:
- 10 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 25% सब्सिडी (अधिकतम 2 करोड़ रुपये)
- 50 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 20% सब्सिडी (अधिकतम 7.50 करोड़ रुपये)
- 200 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 15% सब्सिडी (अधिकतम 20 करोड़ रुपये)
- 500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर 10% सब्सिडी (अधिकतम 40 करोड़ रुपये)
- छोटे और बड़े सभी निवेशक इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
बैंक ऋण और छूट
फार्म-स्टे स्थापित करने वालों के लिए सरकार ने बैंक ऋण पर विशेष छूट भी प्रदान की है। 5 करोड़ रुपये तक के ऋण पर 5% ब्याज सब्सिडी मिलेगी, जो 5 वर्षों तक लागू रहेगी। हर साल एक निवेशक को अधिकतम 25 लाख रुपये की सहायता मिल सकती है।
इसके अलावा, स्टाम्प ड्यूटी, भूमि रूपांतरण शुल्क और विकास शुल्क पर 100% छूट दी जाएगी। महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़े वर्ग के निवेशकों को अतिरिक्त रियायतें भी मिलेंगी। विशेष पर्यटन स्थलों पर प्रोजेक्ट लगाने वालों को 5% अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी, जिससे कुल सब्सिडी 30% तक हो जाएगी।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती
यह योजना गांवों की तस्वीर को बदलने की क्षमता रखती है। पर्यटकों के आगमन से ग्रामीण लोग स्थानीय व्यंजन, हस्तशिल्प और लोककला को बेचकर आय अर्जित कर सकेंगे। खेती के अलावा रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी।
युवाओं और महिलाओं के लिए अवसर
युवा उद्यमी इस योजना के माध्यम से पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में कदम रख सकते हैं। वहीं, महिलाएं पापड़, अचार, हस्तशिल्प जैसे स्थानीय उत्पाद बेचकर अपनी आजीविका बढ़ा सकती हैं। यह योजना ग्रामीण युवाओं और महिलाओं के लिए नई संभावनाएं लेकर आई है।
पर्यटकों के लिए अनुभव
पर्यटकों को शहर की भागदौड़ से दूर गांव की शांति, ताजगी और असली भारतीय संस्कृति का अनुभव मिलेगा। वे खेती, पशुपालन और जैविक खेती को करीब से देख सकेंगे। यह योजना पर्यटकों को गांव की जिंदगी का अनोखा अनुभव प्रदान करेगी।