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कार्तिक शर्मा की आईपीएल 2026 नीलामी: संघर्ष और सफलता की कहानी

कार्तिक शर्मा की आईपीएल 2026 नीलामी ने न केवल क्रिकेट की दुनिया में हलचल मचाई, बल्कि उनके परिवार के संघर्ष और त्याग की कहानी भी बयां की। 14.2 करोड़ में बिकने के बाद, उनके पिता की भावुक प्रतिक्रिया ने सभी का दिल जीत लिया। जानिए कैसे एक साधारण परिवार ने अपने बेटे के सपनों को साकार करने के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया।
 

कार्तिक शर्मा आईपीएल 2026 नीलामी में

आईपीएल 2026 नीलामी में कार्तिक शर्मा: इस नीलामी ने कई खिलाड़ियों की किस्मत बदल दी, लेकिन कार्तिक शर्मा का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। अबू धाबी में आयोजित नीलामी में, चेन्नई सुपर किंग्स ने इस युवा बल्लेबाज को 14 करोड़ 20 लाख रुपये में खरीदा, जो सभी के लिए एक बड़ा आश्चर्य था।

यह केवल एक खिलाड़ी की कीमत नहीं थी, बल्कि एक परिवार के संघर्ष और त्याग की कहानी थी, जो उस पल पूरी दुनिया के सामने आई।


कार्तिक शर्मा का साधारण परिवार और असाधारण सपना

कार्तिक शर्मा का सफर किसी क्रिकेट अकादमी से शुरू नहीं हुआ। उनका बचपन आर्थिक तंगी और सीमित संसाधनों के बीच बीता। उनके पिता, मनोज शर्मा, खुद एक क्रिकेटर रह चुके थे, लेकिन एक गंभीर चोट ने उनके करियर को रोक दिया।

उन्होंने ठान लिया कि अगर वह खुद क्रिकेटर नहीं बन पाए, तो अपने बेटे को इस मुकाम तक पहुंचाएंगे।


गहने और जमीन बेचकर सपनों को जिंदा रखा

जब कार्तिक का चयन अंडर-14 स्टेट लेवल पर हुआ, तब परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। क्रिकेट किट और ट्रेनिंग का खर्च उठाना मुश्किल था। इस दौरान, उनकी मां ने अपने गहने बेच दिए और पिता ने अपनी सोने की चेन भी बेच दी।

परिवार ने दुकान तक बेच दी और कर्ज लेकर बॉलिंग मशीन और गेंदें खरीदीं, ताकि कार्तिक की प्रैक्टिस में कोई कमी न रहे।


पिता की मेहनत और मां का हौसला

मनोज शर्मा बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे और कभी-कभी छोटे-मोटे काम करते थे। आमदनी सीमित थी, लेकिन इरादे मजबूत थे। उनकी मां, आशा, हर मुश्किल में उनके साथ खड़ी रहीं।

परिवार ने कई बार अभाव झेले, लेकिन कार्तिक के सामने कभी हालात का बोझ नहीं आने दिया।


नीलामी का पल और भावुक पिता

आईपीएल ऑक्शन के दौरान जैसे-जैसे कार्तिक पर बोली बढ़ी, पूरा परिवार सांसें थामे बैठा था। जब बोली 14.20 करोड़ पर रुकी, तो यह खुशी का पल था। पिता मनोज शर्मा भावुक होकर बोले कि यह रकम उनके बेटे की नहीं, बल्कि पूरे परिवार के संघर्ष की कीमत है।

शहर में जश्न मनाया गया, लेकिन सबसे भावुक दृश्य तब देखने को मिला, जब वीडियो कॉल पर पिता-पुत्र की आंखों में आंसू थे।