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कुलदीप यादव का शानदार प्रदर्शन, साउथ अफ्रीका के खिलाफ बनाए नए रिकॉर्ड

भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीसरे वनडे में शानदार प्रदर्शन करते हुए 4 विकेट लिए और नए रिकॉर्ड बनाए। इस मैच में उनकी गेंदबाजी ने खेल की दिशा बदल दी, जिससे भारत को जीत मिली। कुलदीप ने अब वनडे में 11 बार 4 या उससे अधिक विकेट लेने का कारनामा किया है, जो उन्हें अनिल कुंबले और जवागल श्रीनाथ से आगे ले जाता है। जानें इस मैच की पूरी कहानी और कुलदीप की उपलब्धियों के बारे में।
 

कुलदीप यादव का अद्भुत प्रदर्शन


स्पोर्ट्स: भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीसरे और निर्णायक वनडे में शानदार प्रदर्शन किया। इस मैच में उन्होंने अपनी घुमती गेंदों से अफ्रीकी बल्लेबाजों को काफी परेशान किया और उनकी बैटिंग लाइन-अप को हिला कर रख दिया। कुलदीप ने 10 ओवर में 4 विकेट लिए और केवल 41 रन खर्च किए।


कुलदीप यादव की नई उपलब्धि

कुलदीप यादव की बड़ी उपलब्धि


इस महत्वपूर्ण मुकाबले में कुलदीप यादव ने एक नई उपलब्धि हासिल की। अब वह वनडे क्रिकेट में भारत के लिए सबसे ज्यादा 4 या उससे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में अनिल कुंबले और जवागल श्रीनाथ से आगे निकल गए हैं।


कुलदीप का खेल में बदलाव

कुलदीप यादव ने खेल की दिशा बदली


विशाखापट्टनम में खेले गए इस तीसरे वनडे में, साउथ अफ्रीका की टीम एक समय मजबूत स्थिति में थी। 33वें ओवर तक उनका स्कोर 199 रन पर 4 विकेट था, और क्विंटन डि कॉक ने शानदार शतक लगाया था। लेकिन कुलदीप यादव ने खेल की दिशा बदल दी।


साउथ अफ्रीका का स्कोर

270 रन पर सिमटी साउथ अफ्रीका


कुलदीप ने 39वें ओवर में पहले डेवॉल्ड ब्रेविस को 29 रन पर आउट किया और फिर मार्को यान्सेन को भी उसी ओवर में पवेलियन भेज दिया। इन दो झटकों ने अफ्रीकी टीम को बैकफुट पर ला दिया, और अंततः पूरी टीम 270 रन पर सिमट गई।


कुलदीप का नया रिकॉर्ड

कुंबले और श्रीनाथ को पीछे छोड़ा


कुलदीप यादव ने अब तक वनडे में 11 बार किसी पारी में 4 या उससे अधिक विकेट लेने का कारनामा किया है, जिससे उन्होंने अनिल कुंबले और जवागल श्रीनाथ को पीछे छोड़ दिया है।


जहीर और शमी से आगे

जहीर और शमी से आगे निकले


इसके अलावा, साउथ अफ्रीका के खिलाफ कुलदीप का यह 5वां 4 विकेट हॉल है, जो किसी भी भारतीय गेंदबाज द्वारा किसी एक टीम के खिलाफ सबसे ज्यादा है। इससे पहले जहीर खान और मोहम्मद शमी ने 4-4 बार यह कारनामा किया था।