कोच गंभीर का रिंकू सिंह के प्रति भेदभाव, क्या बर्बाद होगा करियर?
कोच गंभीर की रणनीति
कोच गौतम गंभीर की रणनीति ने एशिया कप 2025 में टीम इंडिया के सफर को शानदार बना दिया है। टीम ने सुपर-4 में श्रीलंका को सुपर ओवर में हराया। इस रोमांचक मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 202 रन बनाए, जबकि श्रीलंका ने भी उतने ही रन बनाए।
यह मैच सुपर ओवर तक गया, जहां अर्शदीप सिंह की बेहतरीन गेंदबाजी और रिंकू सिंह के कैच ने भारत को जीत दिलाई। लेकिन इस जीत के बीच रिंकू सिंह की चर्चा सबसे अधिक रही, जिन्हें पूरे टूर्नामेंट में सही मौका नहीं मिला।
रिंकू सिंह को नहीं मिला असली अवसर
फिर भी, एशिया कप 2025 में उन्हें केवल श्रीलंका के खिलाफ सुपर-4 के मैच में फील्डिंग का मौका मिला। वह भी हार्दिक पंड्या के बाहर जाने के कारण। बल्लेबाजी का मौका उन्हें किसी भी मैच में नहीं मिला और न ही उन्हें सही तरीके से प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया।
कोच गंभीर पर उठ रहे सवाल
यहां सबसे बड़ा सवाल कोच गौतम गंभीर की रणनीति को लेकर है। जिस तरह उन्होंने रोहित शर्मा और विराट कोहली के करियर में कई बार दबाव बनाया, वही सिलसिला अब रिंकू सिंह के साथ भी नजर आ रहा है। फैंस का मानना है कि गंभीर जानबूझकर रिंकू को नजरअंदाज कर रहे हैं।
सुपर ओवर में दिखी रिंकू की मौजूदगी
हालांकि, रिंकू सिंह प्लेइंग इलेवन में नहीं थे, लेकिन सुपर ओवर में उनका योगदान महत्वपूर्ण साबित हुआ। अर्शदीप सिंह की पहली गेंद पर श्रीलंका के बल्लेबाज कुसल परेरा ने बड़ा शॉट खेलना चाहा, लेकिन गेंद सीधे रिंकू के हाथों में गई।
उन्होंने शानदार कैच पकड़कर भारत को बढ़त दिलाई। ऐसे में सवाल यही है कि जब इतना भरोसेमंद खिलाड़ी मैदान पर फील्डिंग से योगदान दे सकता है, तो कोच गंभीर उसे बल्लेबाजी का मौका क्यों नहीं दे रहे?
सौतेला व्यवहार की चर्चा
रिंकू सिंह के साथ हो रहे व्यवहार को फैंस 'सौतेला व्यवहार' बता रहे हैं। कोच गंभीर पर आरोप है कि वह अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को लगातार मौके दे रहे हैं, जबकि रिंकू को नजरअंदाज किया जा रहा है।
टीम इंडिया को क्यों चाहिए रिंकू?
फाइनल जैसे बड़े मुकाबले में रिंकू सिंह जैसे फिनिशर का होना भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आईपीएल में दिखाया है कि वे आखिरी ओवरों में मैच पलटने की क्षमता रखते हैं। लेकिन जब कोच की रणनीति उनके खिलाफ हो, तो ऐसे खिलाड़ी का करियर बर्बाद होना तय है।