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कोलकाता टेस्ट: पिच पर विवाद और हार्मर की प्रतिक्रिया

कोलकाता के ईडन गार्डन्स में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चल रहे पहले टेस्ट मैच की पिच पर विवाद छिड़ गया है। दूसरे दिन 16 विकेट गिरने के बाद, विशेषज्ञों और प्रशंसकों ने इसे अनुचित करार दिया। दक्षिण अफ्रीका के ऑफ-स्पिनर साइमन हार्मर ने इस पिच का बचाव करते हुए 2015 की पिचों की तुलना की। जानें मैच की वर्तमान स्थिति और हार्मर की राय में क्या खास है।
 

कोलकाता टेस्ट की पिच पर चर्चा


नई दिल्ली: कोलकाता के ईडन गार्डन्स में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चल रहे पहले टेस्ट मैच की पिच ने काफी ध्यान आकर्षित किया है। दूसरे दिन 16 विकेट गिरने के बाद, प्रशंसकों और विशेषज्ञों ने इसे 'अनुचित' करार दिया है।


दक्षिण अफ्रीका के ऑफ-स्पिनर साइमन हार्मर ने इस पिच की तुलना 2015 की सीरीज से की और कहा कि यह पिच उससे कहीं बेहतर है। उन्होंने पिच का समर्थन किया और आलोचकों को जवाब दिया।


मैच की वर्तमान स्थिति

दूसरे दिन की शुरुआत में, भारत ने 37 रन पर 1 विकेट खोकर अपनी पहली पारी को आगे बढ़ाया। दक्षिण अफ्रीका ने पहले 159 रन बनाए थे, लेकिन भारतीय टीम केवल 189 रन पर सिमट गई।


दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी भी मुश्किल में थी, और दिन के अंत तक उन्होंने 93 रन पर 7 विकेट खो दिए। इस प्रकार, उनकी बढ़त केवल 63 रन की रह गई।


पिच पर विवाद और आलोचना

दूसरे दिन इतने विकेट गिरने के कारण पिच पर सवाल उठने लगे। कई लोग इसे 'खराब' या 'खेल के खिलाफ' मान रहे हैं। प्रशंसक सोशल मीडिया पर चर्चा कर रहे हैं कि ऐसी पिच टेस्ट क्रिकेट की भावना के अनुरूप नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि बल्लेबाजी करना बेहद कठिन हो गया है।


हार्मर की राय: 2015 से बेहतर पिच

साइमन हार्मर ने दिन के अंत में अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 2015 की भारत दौरे वाली पिचें इससे कहीं खराब थीं। मोहाली और नागपुर में तो पहले दिन से ही पिच टूटने लगी थी। वहां गड्ढे बन गए थे और हर गेंद पर कुछ न कुछ हो रहा था।


हार्मर ने कहा, “2015 की पिचें शायद इससे बुरी थीं। मोहाली में तो दिन एक से ही सब बिखर गया, नागपुर भी वैसा ही। यहां गेंद घूम रही है, लेकिन हर बॉल पर नहीं। भारत जीतना चाहता है इसलिए अपनी मर्जी की पिच बनाता है। हमें उनके घर में उन्हें हराने का तरीका ढूंढना होगा।”


भारत के खिलाफ किया था डेब्यू

2015 में हार्मर ने अपना टेस्ट डेब्यू किया था। उन्होंने मोहाली और नागपुर में दो मैच खेले, जो तीन दिन में समाप्त हो गए। दक्षिण अफ्रीका एक भी पारी में 200 रन नहीं बना पाई, जबकि भारत का सबसे बड़ा स्कोर 215 था।