क्या एशिया कप ट्रॉफी भारत लौटेगी? BCCI की उम्मीदें और विवाद
एशिया कप ट्रॉफी की वापसी की उम्मीद
स्पोर्ट्स : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने एशिया कप ट्रॉफी की भारत में शीघ्र वापसी की उम्मीद जताई है। बोर्ड को विश्वास है कि ट्रॉफी 'एक या दो दिन में' मुंबई स्थित अपने मुख्यालय पर पहुंच जाएगी। भारत ने दुबई में फाइनल में पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर यह प्रतिष्ठित खिताब जीता, लेकिन ट्रॉफी प्राप्त करने में पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी से कुछ जटिलताएं उत्पन्न हुई हैं। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पाकिस्तानी कप्तान से हाथ नहीं मिलाया, जिससे विवाद और बढ़ गया।
बीसीसीआई की चिंताएं और अंतर्राष्ट्रीय दबाव
BCCI की कार्रवाई और अंतर्राष्ट्रीय दबाव
बीसीसीआई के संयुक्त सचिव देवजीत सैकिया ने बताया कि ट्रॉफी को लेकर बोर्ड कुछ असंतुष्ट है, क्योंकि एक महीने बाद भी इसे प्राप्त नहीं किया जा सका। लगभग 10 दिन पहले एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के अध्यक्ष को पत्र भेजा गया था, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला। बीसीसीआई का मानना है कि ट्रॉफी जल्द ही उनके कार्यालय में पहुंच सकती है, अन्यथा बोर्ड चार नवंबर को दुबई में होने वाली आईसीसी की तिमाही बैठक में इस मुद्दे को उठाने की योजना बना रहा है। नकवी का रुख अब भी जड़ है, और वे सुझाव दे रहे हैं कि भविष्य में भारतीय खिलाड़ी इसे व्यक्तिगत रूप से प्राप्त करें।
टेस्ट क्रिकेट में संभावित बदलाव
टेस्ट क्रिकेट में संभावित बदलाव
दूसरी ओर, भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच गुवाहाटी में अगले महीने होने वाली दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में खेल के समय में बदलाव देखने को मिल सकता है। पारंपरिक सत्रों के क्रम में बदलाव की चर्चा हो रही है, जिसमें लंच से पहले चाय परोसने की संभावना है। इसका मुख्य कारण सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में बदलाव बताया गया है। बीसीसीआई ने पुष्टि की है कि यह विषय अभी विचाराधीन है, ताकि खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों के लिए खेल का अनुभव सुगम बनाया जा सके.
अंतर्राष्ट्रीय मंच पर मुद्दा उठाने की तैयारी
अंतर्राष्ट्रीय मंच पर मुद्दा उठाने की तैयारी
भारत के एशिया कप जीतने के बावजूद ट्रॉफी को लेकर उत्पन्न विवाद ने बोर्ड के धैर्य की परीक्षा ली है। बीसीसीआई ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर मुद्दा उठाने की तैयारी कर ली है, जबकि घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में संभावित बदलाव खिलाड़ियों और प्रशंसकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे हैं।