क्या विराट कोहली और रोहित शर्मा को वनडे क्रिकेट से संन्यास लेना चाहिए?
विराट और रोहित का भविष्य
विराट कोहली और रोहित शर्मा, जो क्रिकेट के दिग्गज माने जाते हैं, एक बार फिर चर्चा का विषय बने हुए हैं। अक्टूबर में वनडे क्रिकेट की वापसी के साथ, यह सवाल उठ रहा है कि क्या इन दोनों को अब वनडे क्रिकेट से संन्यास लेना चाहिए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली आगामी वनडे श्रृंखला में इनकी भागीदारी की उम्मीद है, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, यह उनका अंतिम अंतरराष्ट्रीय वनडे दौरा हो सकता है.
आकाश चोपड़ा का बयान
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने 2027 वनडे विश्व कप को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उनका मानना है कि विराट और रोहित ने गलत प्रारूप (टेस्ट क्रिकेट) से संन्यास लिया और वनडे क्रिकेट को छोड़ना उनके लिए अधिक उचित होगा.
गलत प्रारूप से संन्यास
चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, "इन दोनों ने गलत प्रारूप को छोड़ा। टेस्ट क्रिकेट सबसे कठिन प्रारूप है, जबकि वनडे बल्लेबाजों के लिए सबसे सरल है। वनडे में बल्लेबाजों पर ज्यादा दबाव नहीं होता, लेकिन टेस्ट में हर गेंद पर चुनौती होती है। दोनों ने अचानक टेस्ट से संन्यास ले लिया और कहा कि वे अब केवल वनडे खेलेंगे। यह मेरे लिए समझ से परे है."
कम वनडे मैचों का प्रभाव
चोपड़ा ने आगे कहा, "साल में केवल 6 वनडे होते हैं, यानी 6 दिन का खेल। इतने कम समय में प्रेरणा कैसे बनी रहेगी? फिटनेस कैसे बनाए रखेंगे? आप प्रैक्टिस कैसे करेंगे? यदि आप टेस्ट खेल रहे होते, जैसे इंग्लैंड, वेस्टइंडीज या दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ, तो आपको 25 दिन का खेल मिलता। इससे आप लगातार क्रिकेट से जुड़े रहते."
रणजी और काउंटी क्रिकेट का महत्व
चोपड़ा ने यह भी बताया कि टेस्ट क्रिकेट में बने रहने का एक बड़ा लाभ यह है कि "अगर आप टेस्ट खेल रहे हैं और कोई गैप है, तो आप रणजी ट्रॉफी या काउंटी क्रिकेट खेल सकते हैं। इससे आप खेल में बने रहते हैं। लेकिन टेस्ट से संन्यास लेने के बाद रणजी या काउंटी खेलने का कोई मतलब नहीं रह जाता।" चोपड़ा का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ियों को सक्रिय बनाए रखता है, जबकि वनडे में कम मैच होने के कारण खिलाड़ी मैदान से दूर रह जाते हैं.