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क्या वीवीएस लक्ष्मण बनेंगे भारत के टेस्ट कोच? गौतम गंभीर की भूमिका पर उठे सवाल

भारत की टेस्ट टीम ने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 0-2 से हार का सामना किया, जिससे कोचिंग सेटअप पर सवाल उठने लगे हैं। बीसीसीआई ने पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण से अनौपचारिक रूप से संपर्क किया है, यह जानने के लिए कि क्या वे टेस्ट टीम की कोचिंग में रुचि रखते हैं। गौतम गंभीर की कोचिंग में संतोषजनक परिणाम नहीं मिलने के कारण उनकी भूमिका पर भी चर्चा हो रही है। इस बीच, खिलाड़ियों में असुरक्षा की भावना भी बढ़ रही है, जिससे टीम के भविष्य पर असर पड़ सकता है।
 

भारत की टेस्ट सीरीज में हार और कोचिंग पर उठे सवाल


हाल ही में भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में 0-2 से हार का सामना करना पड़ा, जिसने टीम इंडिया के रेड बॉल क्रिकेट प्रदर्शन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, वनडे और टी20 सीरीज में जीत के बाद भारत ने वापसी की, लेकिन टेस्ट फॉर्मेट में मिली हार ने कोचिंग सेटअप पर चर्चा को बढ़ा दिया है।


वीवीएस लक्ष्मण से अनौपचारिक बातचीत

बीसीसीआई के अंदर गौतम गंभीर की कोचिंग भूमिका पर विचार चल रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण से अनौपचारिक रूप से संपर्क किया है, यह जानने के लिए कि क्या वे टेस्ट टीम की कोचिंग में रुचि रखते हैं।


गौतम गंभीर का सफेद गेंद क्रिकेट में कोच के रूप में रिकॉर्ड अच्छा रहा है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनके परिणाम संतोषजनक नहीं रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हार के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या गंभीर रेड बॉल फॉर्मेट के लिए सही विकल्प हैं।


लक्ष्मण की स्थिति और गंभीर का अनुबंध

हालांकि, वीवीएस लक्ष्मण वर्तमान में बेंगलुरु में बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में 'क्रिकेट प्रमुख' के रूप में संतुष्ट हैं और उन्होंने सीनियर टेस्ट टीम को कोचिंग देने में रुचि नहीं दिखाई है। दूसरी ओर, गंभीर का बीसीसीआई के साथ अनुबंध 2027 वनडे विश्व कप तक है, और आगामी टी20 विश्व कप के प्रदर्शन के आधार पर उनके भविष्य पर विचार किया जा सकता है।


खिलाड़ियों की असुरक्षा की भावना

इस बीच, भारतीय ड्रेसिंग रूम में चिंताजनक संकेत भी सामने आ रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, कई खिलाड़ी मौजूदा कोचिंग माहौल में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। राहुल द्रविड़ के समय में खिलाड़ियों को लंबे मौके मिलते थे, जबकि गंभीर के कार्यकाल में चयन में सख्ती देखी जा रही है। शुभमन गिल को टी20 विश्व कप टीम से बाहर किए जाने का उदाहरण इस असुरक्षा को दर्शाता है।