क्या शुभमन गिल टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार हैं? मोंटी पनेसर की कड़ी आलोचना
गिल पर मोंटी पनेसर की टिप्पणी
भारतीय क्रिकेट टीम के टेस्ट कप्तान शुभमन गिल को पूर्व इंग्लैंड स्पिनर मोंटी पनेसर ने आलोचना का निशाना बनाया है। पनेसर का कहना है कि गिल में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन वे मैच के दौरान आलसी शॉट्स खेलते हैं और तीनों प्रारूपों में कप्तानी के लिए अभी तैयार नहीं हैं।
गिल की खेल शैली पर सवाल उठाते हुए
पनेसर ने कहा कि शुभमन गिल एक आरामदायक खिलाड़ी की छवि प्रस्तुत करते हैं। उनकी प्रतिभा को कोई भी नकार नहीं सकता, लेकिन वे अक्सर लापरवाह शॉट्स खेलते हैं। पूर्व कप्तान विराट कोहली की तरह सभी प्रारूपों में निरंतर जोश और आक्रामकता दिखाना गिल के लिए संभव नहीं है। पनेसर का मानना है कि तीनों प्रारूपों की कप्तानी का बोझ गिल के लिए बहुत भारी होगा।
भारत की टेस्ट क्रिकेट में चुनौतियाँ
यह टिप्पणी उस समय आई है जब भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट में संघर्ष कर रही है। हेड कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2-0 की हार का सामना करना पड़ा।
पनेसर का मानना है कि गंभीर सीमित ओवरों के क्रिकेट में अच्छे कोच साबित हुए हैं, लेकिन लाल गेंद के क्रिकेट में उन्हें और अनुभव की आवश्यकता है। वे सुझाव देते हैं कि गंभीर रणजी ट्रॉफी टीम की कोचिंग करें और घरेलू कोचों से बात करके टेस्ट टीम बनाने की कला सीखें।
कोहली की अनुपस्थिति का असर
पूर्व इंग्लैंड खिलाड़ी ने विराट कोहली की अनुपस्थिति को भी एक महत्वपूर्ण कारण बताया। सफेद गेंद के क्रिकेट में कोहली की कमी महसूस नहीं होती, लेकिन टेस्ट में टीम का उत्साह कम नजर आता है। तीन प्रमुख खिलाड़ियों के संन्यास के बाद नई पीढ़ी को तैयार करने में समय लगेगा।
घरेलू क्रिकेट की चुनौतियाँ
पनेसर ने भारतीय खिलाड़ियों की टेस्ट तैयारी पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि अधिकांश युवा खिलाड़ी आईपीएल अनुबंध और टी20-ओडीआई पर ध्यान केंद्रित करते हैं। रणजी ट्रॉफी जैसे चार दिवसीय क्रिकेट में मेहनत करने की इच्छा कम होती जा रही है। रणजी और अंतरराष्ट्रीय टेस्ट के बीच का अंतर बहुत बड़ा है, जिससे खिलाड़ी टेस्ट में संघर्ष करते हैं। टी20 में अधिक पैसा मिलने के कारण युवा लंबे प्रारूप से दूर रहते हैं।
पनेसर का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट में भारत की वापसी में समय लगेगा। यह बयान भारतीय क्रिकेट के वर्तमान हालात पर गंभीर सवाल उठाता है। शुभमन गिल जैसे युवा कप्तान को आगे बढ़ाने के साथ-साथ सिस्टम में सुधार की आवश्यकता स्पष्ट है।