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गुजरात के गिर नेशनल पार्क में शेरों की अनोखी दोस्ती का अंत

गुजरात के गिर नेशनल पार्क में प्रसिद्ध शेरों की जोड़ी, जय और वीरू, अब इस दुनिया में नहीं रही। इनकी दोस्ती और नेतृत्व की कहानियां पर्यटकों के बीच चर्चित थीं। वीरू की मृत्यु के बाद, जय ने भी हाल ही में दम तोड़ दिया। इनकी मौत से वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों में गहरा दुख है। जानें इस अनोखी जोड़ी की कहानी और लोगों की प्रतिक्रियाएं।
 

जय-वीरू की कहानी

गुजरात के गिर नेशनल पार्क में मशहूर दो शेरों की जोड़ी, 'जय' और 'वीरू', अब इस दुनिया में नहीं रही। ये दोनों नर शेर कई वर्षों तक जंगल के राजा रहे और उनकी कहानी पर्यटकों के बीच काफी चर्चित थी। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इनकी शाही जोड़ी से मिल चुके थे और इनकी दोस्ती से प्रभावित हुए थे। इनकी मित्रता फिल्म शोले के 'जय' और 'वीरू' के समान थी, जहां ये हमेशा एक-दूसरे के साथ रहते थे। पिछले पांच वर्षों में, जय और वीरू ने लगभग 15 मादा शेरों के साथ अपने विशाल क्षेत्र पर राज किया, जो पर्यटन क्षेत्र से लेकर जंगल के विभिन्न कोनों तक फैला हुआ था.


जंगल की जंग और अंत

लगभग एक महीने पहले, जब जय और वीरू अलग-अलग क्षेत्रों में थे, दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। वीरू ने 11 जून को अपनी अंतिम सांस ली, और कल जय ने भी दम तोड़ दिया। वन विभाग की सभी कोशिशों के बावजूद, दोनों को बचाया नहीं जा सका। गुजरात के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन जयपाल सिंह ने बताया कि दोनों शेर एक ही प्राइड का नेतृत्व करते थे.


लोगों की प्रतिक्रिया

जय-वीरू केवल गिर के जंगलों में ही नहीं, बल्कि कई वाइल्डलाइफ डॉक्यूमेंट्री और शोध का हिस्सा भी रहे। उनकी दोस्ती और नेतृत्व की कहानियां लंबे समय तक याद रखी जाएंगी। इनकी मृत्यु से वन्यजीव प्रेमियों, वन अधिकारियों और विशेष रूप से गिर सफारी पर आने वाले पर्यटकों में गहरा दुख है। परिमल नाथवानी ने ट्वीट कर अपना दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने गिर दौरे के दौरान इस अनोखी जोड़ी को नजदीक से देखा था, और अब सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय नेताओं तक सभी ने संवेदना जताई है। अब जय-वीरू केवल किस्सों में रह गए हैं, लेकिन गिर के सन्नाटे में उनकी दोस्ती की गूंज हमेशा महसूस होती रहेगी.