गौतम गंभीर के कोचिंग में भारतीय क्रिकेट का नया अध्याय
भारतीय टेस्ट क्रिकेट का नया युग
भारतीय टेस्ट क्रिकेट का नया युग इंग्लैंड दौरे से शुरू हुआ, जो संतोषजनक रहा। हालांकि यह श्रृंखला ड्रॉ रही, लेकिन टीम इंडिया के लिए यह एक जीत के समान था। इस दौरे से पहले, पूर्व कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। युवा क्रिकेटर शुभमन गिल ने टीम इंडिया की कमान संभाली और टीम ने एक नए बदलाव के साथ मैदान में कदम रखा।गौतम गंभीर की कोचिंग में टीम इंडिया ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में लगातार दो बार भाग लिया, लेकिन हैट्रिक का मौका चूक गई। इस दौरे का महत्व गौतम गंभीर के लिए भी था। कई लोगों ने अनुमान लगाया था कि नई टीम को इंग्लैंड के खिलाफ बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा, लेकिन भारतीय टीम ने ओवल टेस्ट में बराबरी कर ली। यह विदेशी दौरे पर टीम इंडिया की पहली बार अंतिम मैच जीतने का अवसर था, जिससे उन्हें श्रृंखला हारने की शर्मिंदगी से बचने का मौका मिला।
गौतम गंभीर को 9 जुलाई, 2024 को भारतीय टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया। उनका अनुबंध 2027 के अंत तक बीसीसीआई के साथ है। श्रीलंका के खिलाफ दौरे से गंभीर का युग शुरू हुआ, जहां टीम ने टी20 श्रृंखला में अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा। अब तक, टीम इंडिया ने टी20 में एक भी श्रृंखला नहीं हारी है। गंभीर की कोचिंग में टीम ने 15 में से 13 टी20 मैच जीते हैं, जबकि 2 में हार का सामना किया है, जिससे उनका जीत प्रतिशत 90% है।
टी20 श्रृंखला जीतने के बाद, गंभीर की कोचिंग में टीम इंडिया ने श्रीलंका के खिलाफ अपनी पहली वनडे श्रृंखला खेली, जिसमें उन्हें 2-0 से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, इसके बाद टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर अपनी पहचान बनाई। गंभीर के नेतृत्व में, टीम ने 11 वनडे मैच खेले, जिनमें से 8 जीते, 2 हारे और 1 ड्रॉ रहा, जिसका जीत प्रतिशत 72.72% है।
हालांकि, टेस्ट मैचों में, गौतम गंभीर के मार्गदर्शन में टीम ने 15 टेस्ट मैचों में से केवल 5 मैच जीते हैं। इसमें बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के 2 मैच, ऑस्ट्रेलिया दौरे का 1 मैच और इंग्लैंड दौरे के 2 मैच शामिल हैं। टीम को 8 मैचों में हार का सामना करना पड़ा और 2 मैच ड्रॉ रहे। गंभीर के नेतृत्व में टेस्ट मैचों में जीत प्रतिशत 33.33% है।