गौतम गंभीर के चहेते खिलाड़ियों का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया टी20 सीरीज में निराशाजनक
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टी20 सीरीज का हाल
गौतम गंभीर: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही पांच मैचों की टी20 सीरीज अपने अंतिम चरण में है। भारतीय टीम इस समय 2-1 से आगे है और अंतिम मैच जीतकर सीरीज अपने नाम करने की कोशिश में है।
हालांकि, इस सीरीज ने कुछ खिलाड़ियों की कमजोरियों को उजागर किया है, विशेषकर उन दो खिलाड़ियों की जिन पर कोच गौतम गंभीर ने हमेशा भरोसा जताया।
गंभीर ने न केवल आईपीएल में बल्कि इस टी20 सीरीज में भी इन खिलाड़ियों का समर्थन किया, लेकिन उनके प्रदर्शन ने निराश किया।
हर्षित राणा: गेंदबाज़ी में प्रभाव की कमी
कोलकाता नाइट राइडर्स के तेज गेंदबाज़ हर्षित राणा को गंभीर ने आईपीएल में समर्थन दिया था। उनकी गति और आक्रामकता उन्हें टीम इंडिया के लिए एक संभावित सितारे के रूप में प्रस्तुत करती थी।
लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस टी20 सीरीज में हर्षित का प्रदर्शन प्रभावी नहीं रहा। उन्होंने शुरुआती ओवरों में रन रोकने में असफल रहे और डेथ ओवर्स में भी रन लुटाए।
दूसरे टी20 में उन्होंने चार ओवर में 27 रन दिए और कोई विकेट नहीं लिया, जिसके बाद उन्हें अगले दो मैचों से बाहर कर दिया गया।
शुभमन गिल: बल्लेबाज़ी में निराशा
दूसरा नाम शुभमन गिल का है, जो गौतम गंभीर के करीबी खिलाड़ियों में से एक हैं। गंभीर ने गिल को भविष्य का सुपरस्टार बताया है।
हालांकि, इस टी20 सीरीज में गिल का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। उन्होंने कई मौकों पर धीमी बल्लेबाज़ी की, जो टी20 के लिए उपयुक्त नहीं थी।
चौथे टी20 में उन्होंने 39 गेंदों पर 46 रन बनाए, जिससे उनकी स्ट्राइक रेट पर सवाल उठने लगे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि गिल को अपनी आक्रामकता और पावर हिटिंग पर ध्यान देना होगा, अन्यथा उनकी जगह बड़े टूर्नामेंटों में खतरे में पड़ सकती है।
गौतम गंभीर का विज़न: निरंतरता की आवश्यकता
गौतम गंभीर का हमेशा से युवा खिलाड़ियों पर भरोसा रहा है। वे नए चेहरों को मौका देने के लिए जाने जाते हैं।
लेकिन इस टी20 सीरीज ने यह स्पष्ट कर दिया है कि केवल टैलेंट होना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि निरंतर प्रदर्शन भी आवश्यक है।
हर्षित राणा और शुभमन गिल में क्षमता की कमी नहीं है, लेकिन इस सीरीज में उनका प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।
यह साबित करता है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जगह बनाए रखना आसान नहीं है।