चेतेश्वर पुजारा ने रणजी में 352 रन बनाकर नया रिकॉर्ड स्थापित किया
पुजारा का अद्भुत प्रदर्शन
चेतेश्वर पुजारा: टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी करना आसान नहीं है। इसके लिए धैर्य, तकनीक और मानसिक मजबूती की आवश्यकता होती है। भारत के प्रमुख बल्लेबाज पुजारा की तकनीक और क्रीज पर टिके रहने की क्षमता उन्हें विशेष बनाती है।
हाल ही में रणजी ट्रॉफी में पुजारा ने एक अद्भुत उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने 352 रनों की शानदार पारी खेली, जिसने क्रिकेट प्रेमियों को चौंका दिया। आइए, इस ऐतिहासिक पारी पर चर्चा करते हैं।
पुजारा का ऐतिहासिक तिहरा शतक
पुजारा ने 427 गेंदों में 352 रन बनाए, जिसमें 49 चौके और 1 छक्का शामिल था। उनकी स्ट्राइक रेट 82.43 रही, जिसने मैच का रुख पलट दिया।
टीम के लिए मजबूत नींव
पहली पारी में सौराष्ट्र ने 469 रन बनाए, जिसमें अर्पित वासवदा ने 152 रन का योगदान दिया। कर्नाटक ने 396 रन बनाए। हालांकि, पुजारा की पारी ने सौराष्ट्र को मजबूती दी और टीम ने 718 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। मैच ड्रॉ रहा, लेकिन सौराष्ट्र ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर जीत हासिल की।
पुजारा का करियर रिकॉर्ड
चेतेश्वर पुजारा ने फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में 275 मैचों में 52 की औसत से 21,168 रन बनाए हैं। उनके नाम 66 शतक और 80 अर्धशतक हैं, जो उन्हें लंबे फॉर्मेट में भारत के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में से एक बनाते हैं।
क्यों खास है पुजारा की यह पारी?
रणजी ट्रॉफी में तिहरा शतक लगाना एक बड़ी उपलब्धि है। पुजारा की यह पारी उनके धैर्य और तकनीक का प्रमाण है। लंबे समय तक क्रीज पर टिके रहकर विपक्षी गेंदबाजों की रणनीति को ध्वस्त करना उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
एशिया कप से जुड़ा संदर्भ
हालांकि यह प्रदर्शन रणजी ट्रॉफी में आया, लेकिन यह दर्शाता है कि भारत के पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो बड़े टूर्नामेंटों में टीम को मजबूती दे सकते हैं। पुजारा भले ही सफेद गेंद के प्रारूप का हिस्सा न हों, लेकिन उनकी मानसिक मजबूती और क्लासिक बैटिंग स्टाइल युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं।