जम्मू-कश्मीर में स्कूलों की फिर से शुरुआत: बाढ़ के बाद स्थिति में सुधार
जम्मू-कश्मीर में स्कूलों का पुनः उद्घाटन
जम्मू-कश्मीर में स्कूलों का पुनः उद्घाटन: हाल ही में हुई लगातार बारिश और बाढ़ के कारण शैक्षणिक गतिविधियों पर गंभीर असर पड़ा था। प्रशासन ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 6 सितंबर तक बंद रखने का निर्देश दिया था। अब, नए आदेश के अनुसार, घाटी में स्कूल सोमवार, 8 सितंबर से फिर से खुलेंगे। अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम के चलते लगभग दो सप्ताह तक कक्षाएं स्थगित रहीं। जम्मू-कश्मीर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (JKBOSE) को कक्षा 10 और 11 की परीक्षाएं भी टालनी पड़ीं।
स्कूल भवनों को बाढ़ से नुकसान
कश्मीर स्कूल शिक्षा निदेशालय ने बताया कि कई स्कूल भवन बाढ़ और तेज हवाओं के कारण क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कुछ स्थानों पर भवन जलमग्न हो गए हैं, इसलिए कक्षाएं शुरू करने से पहले स्कूल परिसरों की सुरक्षा और मरम्मत आवश्यक है। आदेश में कहा गया है कि सोमवार से पढ़ाई शुरू करने से पहले सभी संस्थानों के प्रमुख और कर्मचारी यह सुनिश्चित करें कि कक्षाएं और स्कूल प्रांगण की उचित सफाई और सैनिटाइजेशन हो, ताकि छात्रों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण मिल सके।
इस बीच, जम्मू शहर के निचले इलाकों में तवी नदी की बाढ़ से हुए नुकसान के बाद बहाली का कार्य तेजी से चल रहा है। प्रशासन ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में अब तक लगभग 70 प्रतिशत पानी और 80 प्रतिशत बिजली आपूर्ति बहाल की जा चुकी है। 26 अगस्त को हुई रिकॉर्ड बारिश के कारण तवी नदी उफान पर आ गई थी, जिससे सैकड़ों घर और हजारों बीघा कृषि भूमि जलमग्न हो गई। कई इमारतें और पशु बह गए, खासकर गुज्जर नगर और पीरखो क्षेत्रों में हजारों लोग बेघर होकर राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हुए।
रामबन में बाढ़ का कहर
रामबन जिला भी इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुआ है। यहां अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण 283 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। लगभग 950 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा। प्रशासन के अनुसार, लगातार बारिश के कारण जिले की 84 सड़कें, 98 जलापूर्ति योजनाएं और 71 बिजली फीडर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। रामबन के उपायुक्त अलयास खान ने बताया कि 29 अगस्त को राजगढ़ तहसील के द्रुबला गांव में बादल फटने से स्थिति और बिगड़ गई, जिससे सड़कों और ढांचे को गंभीर नुकसान हुआ।