जींद में बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ाई, मंडियों में धान भीगा
बारिश का प्रभाव और मौसम की स्थिति
- जिले में औसतन नौ एमएम बारिश, जुलाना में 25 एमएम बारिश दर्ज
- आठ डिग्री लुढ़का तापमान, गुलाबी ठंड ने दी दस्तक
जींद। पश्चिमी विक्षोभ के कारण सोमवार को हुई बारिश ने किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। अधिकतम तापमान 26 डिग्री और न्यूनतम तापमान 21 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मौसम में आद्रता 84 प्रतिशत और हवा की गति 13 किलोमीटर प्रति घंटा रही। जुलाना में सबसे अधिक 25 एमएम बारिश हुई, जबकि जींद और नरवाना में 14-14 एमएम, अलेवा में 4 एमएम, सफीदों में 3 एमएम और उचाना तथा पिल्लूखेड़ा में 2-2 एमएम बारिश दर्ज की गई।
मौसम में बदलाव और किसानों की सलाह
मौसम विभाग के अनुसार, मौसम में परिवर्तनशीलता बनी हुई है। बादलों के साथ बारिश की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. राजेश ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते 8 अक्टूबर तक मौसम में बदलाव जारी रहेगा। किसानों को सलाह दी गई है कि वे मौसम को ध्यान में रखते हुए कृषि कार्य करें।
बारिश के कारण फसलों पर असर
पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम ने रविवार रात को करवट ली। धूल भरी आंधी के साथ हुई बूंदाबांदी ने कुछ राहत दी। सोमवार को दिन की शुरुआत बादलों और ठंडी हवा के साथ हुई। हालांकि, बारिश की मात्रा कम रही। बारिश के कारण अधिकतम तापमान में 8 डिग्री और न्यूनतम तापमान में 2 डिग्री की गिरावट आई।
धान की फसल की स्थिति
जिले में लगभग चार लाख टन धान की फसल मंडियों में आई है। किसानों का कहना है कि बारिश से फसलों को नुकसान हो सकता है। धूल भरी आंधी के कारण कुछ स्थानों पर धान की फसल बिछ गई है। बारिश ने मंडियों में पड़ी लाखों क्विंटल धान को भी भिगो दिया है।