टीम इंडिया के चार खिलाड़ी: रातोंरात चमकने के बाद गायब
टीम इंडिया में अचानक उभरे और फिर गायब हुए खिलाड़ी
भारतीय क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने अपने अद्भुत प्रदर्शन से तुरंत ध्यान आकर्षित किया, लेकिन कुछ समय बाद वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से गायब हो गए। इन खिलाड़ियों की चमक के पीछे कई कारण हैं, जैसे फॉर्म में गिरावट, चोटें, या चयन में निरंतरता की कमी।
इन चार खिलाड़ियों की कहानी भारतीय क्रिकेट में अचानक उभरने और फिर तेजी से पीछे हटने का एक उदाहरण है।
गायब होने वाले खिलाड़ी
टीम इंडिया से गायब होने वाले खिलाड़ी कुछ इस प्रकार हैं :
पृथ्वी शॉ
पृथ्वी शॉ ने अपने डेब्यू टेस्ट में शानदार शतक के साथ भारतीय क्रिकेट में तूफान ला दिया था। उनकी तकनीक और आक्रामक खेल ने उन्हें टीम इंडिया का अगला बड़ा ओपनर माना गया। लेकिन समय के साथ, उनके प्रदर्शन में गिरावट आई। फिटनेस और अनुशासन संबंधी समस्याओं ने उनकी छवि को भी प्रभावित किया।
घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद, वह भारतीय टीम के रडार से लगभग गायब हो चुके हैं। उनकी वापसी के लिए न केवल रन, बल्कि फिटनेस और निरंतरता की भी आवश्यकता है, जो फिलहाल दूर की बात लगती है।
मयंक यादव
आईपीएल 2024 के प्रारंभिक चरण में मयंक यादव ने 150 किमी/घंटा की गति से गेंदबाजी कर सभी को चौंका दिया। उनकी गति और सटीकता ने उन्हें टीम इंडिया के लिए अगली पीढ़ी का पेसर माना जाने लगा।
हालांकि, उनकी सबसे बड़ी समस्या लगातार चोटें रही हैं। उन्होंने अक्टूबर 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा, लेकिन खराब फिटनेस के कारण वह बार-बार चोटिल होते रहे, जिससे उनकी लय टूट गई।
टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए उन्हें लंबा फिटनेस रन और निरंतर प्रदर्शन करना होगा, और मयंक फिलहाल उस स्तर तक नहीं पहुंच पाए हैं। यदि उनकी चोटों का सिलसिला जारी रहा, तो वापसी बेहद कठिन होगी।
उमरान मलिक
उमरान मलिक ने अपनी तेज गति से सभी का ध्यान खींचा था। 155 किमी/घंटा की गति से गेंद फेंकने वाला यह गेंदबाज भारतीय क्रिकेट में एक अनोखी पहचान बन गया। शुरुआती इंटरनेशनल मैचों में उनकी तेज गेंदों ने बल्लेबाजों को परेशान किया, लेकिन उनकी लाइन-लेंथ एक बड़ी समस्या बन गई।
लगातार रन लीक करने और विकेट न निकाल पाने के कारण चयनकर्ताओं ने उन्हें बाहर बैठाना शुरू कर दिया। घरेलू क्रिकेट में भी वह उस निरंतरता को वापस नहीं ला सके, जिसकी टीम इंडिया को आवश्यकता है। जब तक वह अपनी नियंत्रण और वैरिएशन में सुधार नहीं करते, उनकी वापसी मुश्किल नजर आती है।
मयंक अग्रवाल
मयंक अग्रवाल ने टेस्ट क्रिकेट में शानदार शुरुआत की थी। उन्होंने विदेशों में प्रभावी पारियां खेलकर खुद को एक भरोसेमंद ओपनर साबित किया। लेकिन कुछ खराब सीरीज और लगातार मौके न मिलने के कारण वह टीम से बाहर हो गए। उनके स्थान पर यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल जैसे युवा खिलाड़ियों ने जगह ले ली।
हालांकि मयंक घरेलू क्रिकेट में रन बनाते रहे, लेकिन उनकी उम्र और टीम की नई योजनाओं के कारण चयनकर्ताओं का ध्यान अब उनसे हट चुका है। टेस्ट टीम में ओपनर की जगह के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा ने उनकी वापसी को और कठिन बना दिया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
टीम इंडिया में इन खिलाड़ियों की वापसी क्यों मुश्किल है?
फॉर्म में गिरावट, फिटनेस समस्याएं और कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण इनकी वापसी कठिन है।
क्या घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करके ये खिलाड़ी लौट सकते हैं?
संभावना है, लेकिन इसके लिए निरंतर फॉर्म और फिटनेस दोनों साबित करनी होगी।