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टीम इंडिया के हाथ ना मिलाने के फैसले से पाकिस्तान को बड़ा आर्थिक नुकसान

टीम इंडिया के हाथ ना मिलाने के फैसले ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को गंभीर आर्थिक संकट में डाल दिया है। यदि पीसीबी एशिया कप 2025 का बहिष्कार करता, तो उसे 12 से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हो सकता था। इस विवाद ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है, और पाकिस्तान ने आईसीसी से कार्रवाई की मांग की है। जानें इस मामले में आगे क्या हुआ और पाकिस्तान की टीम ने क्या निर्णय लिया है।
 

हाथ मिलाने का विवाद

हाथ मिलाने का विवाद: टीम इंडिया ने 14 सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ मैच जीतने के बाद हाथ मिलाने से इनकार किया, जिससे क्रिकेट जगत में विवाद उत्पन्न हो गया। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इसे खेल भावना के खिलाफ मानते हुए आईसीसी से कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने एंडी पाइक्रॉफ्ट के खिलाफ भी कार्रवाई की अपील की। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो उन्होंने टूर्नामेंट छोड़ने की धमकी भी दी। हालांकि, पाकिस्तान के लिए इस निर्णय को लेना आसान नहीं होगा।


पीसीबी का निर्णय और आर्थिक प्रभाव

पीसीबी का निर्णय करा देता 141 करोड़ का नुकसान


एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड एशिया कप 2025 का बहिष्कार करता, तो उसे 12 से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता था। भारतीय रुपये में यह राशि 106 से 141 करोड़ के बीच हो सकती है। एसीसी की कमाई में 5 टेस्ट खेलने वाले देशों की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी होती है, जबकि शेष 25 प्रतिशत एसोसिएट देशों को दी जाती है। ऐसे में यदि पीसीबी बहिष्कार करता, तो उसे अपनी 15 प्रतिशत हिस्सेदारी खोनी पड़ती। पीसीबी की आय का अधिकांश हिस्सा एसीसी और आईसीसी से मिलने वाली वार्षिक हिस्सेदारी से आता है, जिससे पाकिस्तान को बड़ा आर्थिक नुकसान होता।


आईसीसी ने पीसीबी की मांग को स्वीकार किया

आईसीसी ने मानी पीसीबी की मांग


पाकिस्तान ने एंडी पाइक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की थी, जिसे आंशिक रूप से आईसीसी ने स्वीकार कर लिया है। आईसीसी ने पाकिस्तान के मैचों से पाइक्रॉफ्ट को हटा दिया है और उनकी जगह रिची रिचर्डसन को मैच रेफरी बनाया जा सकता है। इस स्थिति में पाकिस्तान की टीम अब बहिष्कार करती हुई नहीं दिख रही है, हालांकि उन्होंने इसका आधिकारिक ऐलान नहीं किया है। पाकिस्तान की टीम ने 16 सितंबर की शाम को दुबई में भारतीय टीम के साथ अभ्यास भी किया था।