तेजस्वी जायसवाल का शानदार प्रदर्शन, भाई यशस्वी की याद दिलाई
तेजस्वी जायसवाल की नई पहचान
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट में जायसवाल परिवार अब एक जाना-पहचाना नाम बन चुका है। छोटे भाई यशस्वी जायसवाल ने भारतीय टीम में अपनी जगह बना ली है, वहीं अब बड़े भाई तेजस्वी जायसवाल भी चर्चा में हैं।
अहमदाबाद में शानदार पारी
तेजस्वी ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 में त्रिपुरा के लिए खेलते हुए एक अद्भुत प्रदर्शन किया। शनिवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में त्रिपुरा और उत्तराखंड के बीच मैच में, त्रिपुरा ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 163/6 रन बनाए, जिसमें तेजस्वी का योगदान सबसे महत्वपूर्ण रहा।
नंबर-3 पर बल्लेबाजी करते हुए, तेजस्वी ने केवल 37 गेंदों में 51 रन बनाए। उनकी पारी में 4 छक्के और 1 चौका शामिल था। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी ने सभी को यशस्वी की याद दिला दी, क्योंकि दोनों भाइयों का खेल का तरीका एकदम समान है।
त्रिपुरा की हार के बावजूद तेजस्वी की चमक
हालांकि त्रिपुरा को मैच में हार का सामना करना पड़ा, क्योंकि उत्तराखंड ने अंतिम गेंद पर जीत हासिल की, लेकिन तेजस्वी की पारी पूरे टूर्नामेंट में सबसे चर्चित रही। दो भाइयों की कहानी एक बार फिर से लोगों के दिलों को छू रही है।
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भाईयों की संघर्ष की कहानी
दो भाइयों का संघर्ष और बलिदान
यशस्वी और तेजस्वी की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। दोनों भाई भोपाल से मुंबई क्रिकेट के सपने लेकर आए थे। छोटी उम्र में ही दोनों ने आजाद मैदान की पिचों पर मेहनत की। लेकिन आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि दोनों एक साथ आगे नहीं बढ़ सकते थे।
तेजस्वी ने निर्णय लिया कि वह अपने सपने को छोड़कर छोटे भाई यशस्वी का समर्थन करेंगे। उन्होंने दिल्ली में नौकरी शुरू की और अपनी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा यशस्वी के क्रिकेट खर्चों के लिए भेजते रहे। यशस्वी मुंबई में थे और तेजस्वी भाई दिल्ली से पैसे भेजते थे, यह सिलसिला कई वर्षों तक चला।
तेजस्वी की नई शुरुआत
खुद को साबित करने की कोशिश में तेजस्वी
आज यशस्वी भारत के तीनों फॉर्मेट में खेल रहे हैं और करोड़ों कमा रहे हैं। अब जब परिवार की स्थिति बेहतर हो चुकी है, तो तेजस्वी ने 30 साल की उम्र में फिर से क्रिकेट में कदम रखा है। उन्होंने त्रिपुरा की टीम में जगह बनाई और अब खुद को साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।