दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत की मुश्किलें बढ़ीं, क्या होगा अगला कदम?
गुवाहाटी में टेस्ट मैच का हाल
गुवाहाटी: गुवाहाटी के बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम में सोमवार को चल रहे दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन भारत ने एक बार फिर बल्लेबाजी में गिरावट का सामना किया, जिससे घरेलू टेस्ट श्रृंखला में क्लीन स्वीप का खतरा बढ़ गया है। दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पहली पारी में 489 रन बनाकर मजबूत बढ़त हासिल की और भारत को 201 रन पर समेट दिया। दिन के अंत तक मेहमान टीम ने फॉलो-ऑन लेने के बजाय अपनी दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के 26 रन बना लिए। दक्षिण अफ्रीका इस दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 1-0 से आगे है।
अब मुकाबले में दो दिन का खेल बाकी है और स्थिति लगभग स्पष्ट हो चुकी है। भारत की उम्मीदें अब चमत्कार पर निर्भर हैं, क्योंकि घरेलू मैदान पर लगातार दूसरी टेस्ट हार से बचना बेहद कठिन होता जा रहा है।
जेनसन की गेंदबाजी का जलवा
दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज मार्को जेनसन ने दिन के सबसे प्रभावशाली खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने पहली पारी में 93 रन बनाने के बाद गेंदबाजी में भी कमाल दिखाते हुए 48 रन देकर 6 विकेट चटकाए। उनकी तेज बाउंसर और सटीक लेंथ के सामने भारतीय बल्लेबाजी लड़खड़ा गई।
भारत ने दिन की शुरुआत 6/0 से की और यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने अच्छी साझेदारी की। जायसवाल ने आक्रामक अंदाज में अर्धशतक पूरा किया, लेकिन जैसे ही राहुल स्लिप में कैच देकर आउट हुए, भारतीय पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। जायसवाल भी जल्द ही लौट गए और इसके बाद विकेटों की लाइन लग गई।
सुंदर और कुलदीप का साहसिक प्रयास
वाशिंगटन सुंदर और कुलदीप यादव ने भारत की पारी को आगे बढ़ाया। दोनों ने आठवें विकेट के लिए 72 रन जोड़े और 200 से ज्यादा गेंदें खेलकर मेहमान टीम की लय को कुछ समय के लिए रोक दिया। वाशिंगटन ने संतुलित आक्रमण के साथ रक्षात्मक खेल दिखाया, जबकि कुलदीप ने सतर्कता से खेला। यह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत की आठवें विकेट की सबसे लंबी साझेदारी रही।
हार्मर ने अंततः वाशिंगटन को आउट कर साझेदारी तोड़ी और नई गेंद के साथ जेनसन ने दो और विकेट लेकर भारत को 201 पर समेट दिया।
दक्षिण अफ्रीका की मजबूत स्थिति
288 रन की बढ़त के बावजूद कप्तान टेम्बा बावुमा ने फॉलो-ऑन नहीं दिया। दूसरी पारी में रयान रिकेल्टन और एडेन मार्करम आत्मविश्वास के साथ उतरे और शुरू से ही रन बटोरते नजर आए। बुमराह के खिलाफ शुरुआती चौके और भारत की ढीली फील्डिंग ने मेहमान टीम की बढ़त को और बड़ा कर दिया। खराब रोशनी के कारण खेल जल्दी समाप्त करना पड़ा, लेकिन दक्षिण अफ्रीका बिना किसी नुकसान के 26 रन तक पहुंच चुका था।
भारत को चमत्कार की आवश्यकता
मैच अब पूरी तरह दक्षिण अफ्रीका की गिरफ्त में है। भारतीय बल्लेबाजी तकनीकी कमजोरियों और गलत शॉट चयन का शिकार दिखी। जायसवाल और वाशिंगटन को छोड़कर बाकी बल्लेबाज आत्मविश्वासहीन और दबाव में टूटते नजर आए। पिच के और मुश्किल होने की संभावना के साथ भारत के लिए यह मुकाबला बचाना बेहद कठिन चुनौती बन गया है।
एक साल पहले भारत का घरेलू टेस्ट श्रृंखला हारना असंभव लगता था, लेकिन गुवाहाटी और कोलकाता के निराशाजनक प्रदर्शन ने उस संभावना को वास्तविक खतरे में बदल दिया है। दक्षिण अफ्रीका अब क्लीन स्वीप की ओर मजबूती से बढ़ रहा है और भारत को इससे बचने के लिए अगले दो दिनों में असाधारण खेल दिखाना होगा।