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नीरज चोपड़ा ने गोल्डन स्पाइक 2025 में जीता स्वर्ण, ओलंपिक की तैयारी में जुटे

नीरज चोपड़ा ने चेक गणराज्य के ओस्ट्रावा में गोल्डन स्पाइक 2025 में स्वर्ण पदक जीतकर एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उनकी 85.97 मीटर की थ्रो ने उन्हें प्रतियोगिता में जीत दिलाई, जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी इस बार शामिल नहीं थे। नीरज की निरंतरता और आत्मविश्वास उनकी ओलंपिक तैयारी का संकेत देते हैं। जानें इस प्रतियोगिता के अन्य परिणाम और नीरज की आगामी योजनाओं के बारे में।
 

नीरज चोपड़ा का सुनहरा प्रदर्शन

दो बार ओलंपिक में देश का नाम रोशन करने वाले नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। 24 जून को चेक गणराज्य के ओस्ट्रावा में आयोजित विश्व एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर के श्रेणी-ए इवेंट गोल्डन स्पाइक 2025 में नीरज ने अपने पहले प्रयास में ही स्वर्ण पदक हासिल किया।


प्रतियोगिता में नीरज की शानदार थ्रो

हालांकि, नीरज 90 मीटर के लक्ष्य से दूर रहे, लेकिन उनकी 85.97 मीटर की थ्रो ने उन्हें नौ देशों के एथलीटों के बीच आसानी से जीत दिलाई। उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी जूलियन वेबर इस बार प्रतियोगिता में शामिल नहीं थे, जिससे नीरज की जीत और भी आसान हो गई।


दूसरे और तीसरे स्थान पर दक्षिण अफ्रीका और ग्रेनेडा

नीरज के बाद दक्षिण अफ्रीका के डाउ स्मिथ ने 84.12 मीटर की थ्रो के साथ रजत पदक जीता, जो उनके लिए व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। वहीं, पूर्व विश्व चैंपियन एंडरसन पीटर्स ने 83.63 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक हासिल किया।


ओलंपिक की तैयारी में निरंतरता

इस प्रतियोगिता में नीरज ने चार वैध थ्रो किए, जिनमें से सभी 80 मीटर से अधिक थे। यह उनके लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि निरंतरता उनकी ओलंपिक रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उनका अंतिम थ्रो जानबूझकर फाउल किया गया, जो दर्शाता है कि नीरज अब केवल जीतने के लिए नहीं, बल्कि परफेक्शन के लिए भी प्रयासरत हैं।


आत्मविश्वास से भरे नीरज

20 जून को पेरिस डायमंड लीग में जीत के बाद, यह उनकी लगातार दूसरी बड़ी सफलता है। यह न केवल उनकी फिटनेस और फॉर्म का प्रमाण है, बल्कि आगामी नीरज चोपड़ा क्लासिक के लिए भी आत्मविश्वास बढ़ाने वाली है, जो भारत में पहली बार आयोजित होने जा रही है।


थॉमस रोहलर का निराशाजनक प्रदर्शन

ओलंपिक चैंपियन थॉमस रोहलर इस बार 79.18 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ सातवें स्थान पर रहे, जो उनके अनुभव के अनुसार काफी निराशाजनक रहा।


पेरिस ओलंपिक पर नजरें

ओस्ट्रावा में नीरज की यह जीत केवल एक पदक नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि वह न केवल टोक्यो का स्वर्ण बनाए रखना चाहते हैं, बल्कि 90 मीटर क्लब में शामिल होने के अपने लक्ष्य को भी जल्द पूरा करना चाहते हैं।