पाकिस्तान क्रिकेट टीम का यू-टर्न: एशिया कप 2025 में भाग लेने का कारण
पाकिस्तान टीम की मजबूरी
एशिया कप 2025 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने आखिरकार मैदान पर उतरने का निर्णय लिया, जबकि पहले वह मैच का बहिष्कार करने की धमकी दे रही थी। यूएई के खिलाफ मैच से पहले, पाकिस्तान ने आईसीसी से मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की थी, जिसे ठुकरा दिया गया। इसके बाद, पाकिस्तान को मजबूरन मैच खेलने के लिए मैदान में आना पड़ा।
इस पूरे घटनाक्रम का मुख्य कारण आईसीसी द्वारा दी गई चेतावनी थी, जिसमें कहा गया था कि अगर पाकिस्तान एशिया कप का बहिष्कार करता है, तो उसे 1.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर का भारी जुर्माना भुगतना पड़ेगा।
आईसीसी की चेतावनी का प्रभाव
एक रिपोर्ट के अनुसार, आईसीसी ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को स्पष्ट रूप से बताया कि अगर वे मैच का बहिष्कार करते हैं, तो उन्हें 16 मिलियन डॉलर का जुर्माना देना होगा। इस चेतावनी के बाद, पाकिस्तान को मजबूरन मैच खेलने का निर्णय लेना पड़ा।
पाकिस्तान की मांगें और आईसीसी का जवाब
पाकिस्तान ने एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की थी, क्योंकि उन्हें भारतीय टीम के प्रति पक्षपाती होने का आरोप था। पीसीबी ने कहा कि ऐसे अंपायर के साथ उनकी टीम की सुरक्षा और निष्पक्षता सुनिश्चित नहीं की जा सकती। हालांकि, आईसीसी ने इन मांगों को खारिज कर दिया।
पाकिस्तान का यू-टर्न
पाकिस्तान को अंततः मैच खेलने का निर्णय लेना पड़ा, क्योंकि पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी को अपने देश की इज्जत और वित्तीय नुकसान के बीच संतुलन बनाना था। अगर पाकिस्तान एशिया कप से हटता, तो उसे 141 करोड़ रुपये का नुकसान होता।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का वार्षिक बजट लगभग 227 मिलियन डॉलर है, और एशिया कप से उसकी कमाई 106 से 141 करोड़ रुपये के बीच होती है। इस आर्थिक दबाव के कारण पीसीबी ने यू-टर्न लेने का निर्णय लिया।