पाकिस्तान-श्रीलंका वनडे सीरीज पर सुरक्षा चिंताओं का साया
पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच वनडे सीरीज में संकट
नई दिल्ली: पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच चल रही तीन मैचों की वनडे श्रृंखला पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस्लामाबाद में हुए एक आत्मघाती हमले के कारण श्रीलंकाई खिलाड़ियों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।
कई खिलाड़ी स्वदेश लौटने की इच्छा जता रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और श्रीलंका क्रिकेट (SLC) ने सीरीज को जारी रखने का निर्णय लिया है। हालांकि, मैचों की तारीखों में बदलाव किया गया है।
इस्लामाबाद में धमाके से बढ़ी सुरक्षा की चिंता
इस्लामाबाद में एक न्यायिक परिसर के बाहर हुए आत्मघाती बम धमाके में कम से कम 12 लोगों की जान चली गई। यह घटना रावलपिंडी के निकट हुई, जहां पाकिस्तान और श्रीलंका की टीम ने पहला वनडे खेला था।
धमाके के दिन पाकिस्तान ने पहला मैच छह रन से जीता था, लेकिन इस घटना ने श्रीलंकाई टीम में भय पैदा कर दिया। रावलपिंडी और इस्लामाबाद एक-दूसरे के निकट हैं, जिससे खिलाड़ियों को असुरक्षित महसूस हो रहा है।
श्रीलंकाई खिलाड़ियों की घर लौटने की इच्छा
श्रीलंका की 16 सदस्यीय टीम पाकिस्तान दौरे पर है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कम से कम आठ खिलाड़ी सुरक्षा कारणों से कोलंबो लौटना चाहते हैं। टीम प्रबंधन ने इस बारे में SLC को सूचित किया है।
SLC ने एक बयान में कहा कि खिलाड़ियों की चिंताओं को गंभीरता से लिया जा रहा है। PCB और पाकिस्तानी अधिकारियों से बातचीत कर सुरक्षा के इंतजाम को मजबूत किया जा रहा है। फिर भी, बोर्ड ने टीम को दौरा जारी रखने का निर्देश दिया है।
मैचों की नई तारीखें
पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार, दूसरा वनडे गुरुवार को रावलपिंडी में खेला जाना था, लेकिन अब इसे शुक्रवार, 14 नवंबर को आयोजित किया जाएगा। तीसरा मैच 15 नवंबर के बजाय 16 नवंबर को होगा।
दोनों मैच इसी मैदान पर होंगे। PCB के चेयरमैन मोहसिन नकवी ने सोशल मीडिया पर श्रीलंकाई टीम का आभार व्यक्त किया और नई तारीखों की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि सीरीज जारी रहेगी।
SLC का कड़ा रुख और रिप्लेसमेंट योजना
SLC ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई खिलाड़ी या सपोर्ट स्टाफ दौरा छोड़कर घर जाना चाहता है, तो उसके लिए तुरंत रिप्लेसमेंट भेजा जाएगा। इससे सीरीज में कोई रुकावट नहीं आएगी।
बोर्ड ने चेतावनी दी है कि निर्देशों के बावजूद लौटने वालों पर औपचारिक जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी। इससे खिलाड़ियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है।