प्रेग्नेंसी में जेस्टेशनल डायबिटीज: बच्चों पर संभावित खतरे
प्रेग्नेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, जो न केवल माताओं को प्रभावित करती है, बल्कि उनके बच्चों के लिए भी कई खतरे पैदा कर सकती है। इस लेख में, हम जानेंगे कि जेस्टेशनल डायबिटीज के कारण बच्चों को क्या-क्या स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि अधिक वजन, समय से पहले जन्म, और भविष्य में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा। यह जानकारी माताओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि वे अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान रख सकें।
Sep 3, 2025, 12:10 IST
जेस्टेशनल डायबिटीज और इसके प्रभाव
प्रेग्नेंसी का समय हर महिला के लिए एक अद्भुत अनुभव होता है, लेकिन इस दौरान कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें जेस्टेशनल डायबिटीज एक प्रमुख समस्या है। यह एक प्रकार का डायबिटीज है जो गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं को प्रभावित करता है। इसका मुख्य कारण गर्भावस्था के हॉर्मोन्स का इंसुलिन के कार्य में बाधा डालना है, जिससे रक्त में शुगर का स्तर बढ़ जाता है।महिलाएं अक्सर सोचती हैं कि इसका प्रभाव केवल उन पर ही पड़ेगा, लेकिन यह उनके बच्चे पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, जेस्टेशनल डायबिटीज को नियंत्रित करना अत्यंत आवश्यक है। आइए जानते हैं कि इस स्थिति में बच्चों को किन-किन खतरों का सामना करना पड़ सकता है।
जेस्टेशनल डायबिटीज से बच्चों को होने वाले खतरे
- बच्चे का वजन अधिक होना: जब माँ के रक्त में शुगर का स्तर बढ़ता है, तो यह प्लेसेंटा के माध्यम से बच्चे तक पहुंचता है। इससे बच्चे का शरीर अधिक इंसुलिन का उत्पादन करने लगता है, जिससे उसका आकार सामान्य से बड़ा हो जाता है। इससे डिलीवरी के समय जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- समय से पहले जन्म का खतरा: जेस्टेशनल डायबिटीज के कारण कई बार लेबर पेन जल्दी शुरू हो जाता है, जिससे बच्चे का जन्म समय से पहले हो सकता है। ऐसे बच्चों के फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं होते हैं।
- जन्म के बाद सांस लेने में कठिनाई: जिन बच्चों की माताओं को जेस्टेशनल डायबिटीज होता है, उन्हें जन्म के बाद सांस लेने में समस्या हो सकती है, जिसे 'रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम' कहा जाता है।
- जन्म के बाद बच्चे का ब्लड शुगर कम होना: गर्भावस्था के दौरान माँ के उच्च रक्त शुगर के कारण बच्चे का शरीर अधिक इंसुलिन बनाना सीख जाता है। जन्म के बाद, जब उसे माँ से शुगर मिलना बंद हो जाता है, तो उसका ब्लड शुगर स्तर अचानक कम हो सकता है।
- भविष्य में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा: शोध से पता चला है कि जिन बच्चों की माताओं को जेस्टेशनल डायबिटीज होता है, उन्हें बड़े होने पर टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा अधिक होता है।