भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में कैच छूटने का रिकॉर्ड, युवा कप्तान गिल ने किया प्रभावित
भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का समापन
इंग्लैंड और भारत के बीच हाल ही में संपन्न पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला 2-2 के बराबरी पर समाप्त हुई, जिसने क्रिकेट प्रेमियों के बीच मिश्रित भावनाएँ उत्पन्न कीं। प्रारंभ में, कई लोगों ने अनुमान लगाया था कि भारत के प्रमुख खिलाड़ियों जैसे रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन की अनुपस्थिति में टीम का प्रदर्शन कमजोर होगा। लेकिन युवा कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व में टीम ने जोश और कौशल का प्रदर्शन किया, जिसने क्रिकेट प्रशंसकों का दिल जीत लिया। विशेष रूप से गिल, केएल राहुल और मोहम्मद सिराज की खेल भावना और निरंतरता ने भारत की लय बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।हालांकि, इस श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण पहलू था जिसने भारतीय टीम की उम्मीदों को प्रभावित किया - वह था क्षेत्ररक्षण का प्रदर्शन। पांच मैचों में कुल 23 कैच छूटना भारत के लिए महंगा साबित हुआ। इंग्लैंड ने इन मौकों का लाभ उठाकर अपनी बल्लेबाजी को मजबूती दी और मैच का रुख बदलने में सफल रहा। पहले टेस्ट में, हेडिंग्ले के मैदान पर यशस्वी जायसवाल के कई कैच छूटने से इंग्लैंड को बढ़त मिली, जो अंततः उनकी पांच विकेट से जीत का कारण बनी। वहीं, अंतिम टेस्ट में मोहम्मद सिराज ने हैरी ब्रुक का कैच तो पकड़ा, लेकिन बाउंड्री लाइन के पास पैर लगने के कारण वह कैच मान्य नहीं हुआ। इसके बावजूद, भारत की गेंदबाजी ने मैच में वापसी की और हार को टाल दिया।
कैच छूटने के कारण गंवाई सीरीज
यह श्रृंखला 2018 के बाद से किसी भी टेस्ट श्रृंखला में सबसे अधिक कैच छूटने का रिकॉर्ड भी बन गई है। कुल 41 कैच इस दौरान दोनों टीमों ने खोए, जो इस अवधि में सबसे ज्यादा है। यह दर्शाता है कि भारत और इंग्लैंड दोनों के क्षेत्ररक्षण में स्थिरता की कमी पिछले कुछ वर्षों से बनी हुई है। दिलचस्प बात यह है कि सबसे अधिक कैच छूटने वाली चार टेस्ट श्रृंखलाओं में से तीन में ये दोनों टीमें शामिल हैं, जिनमें भारत के 2021-22 दौरे (37 कैच) और 2018 में इंग्लैंड दौरा (32 कैच) प्रमुख हैं।