भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट मैच का अंतिम दिन: क्या बच पाएगी टीम इंडिया?
गुवाहाटी में टेस्ट मैच का निर्णायक दिन
गुवाहाटी: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच चल रहा दूसरा टेस्ट मैच अब अपने अंतिम दिन (26 नवंबर 2025) में पहुंच चुका है। भारतीय टीम के सामने यह एक महत्वपूर्ण चुनौती है, क्योंकि उन्हें इस मैच को ड्रॉ करने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा।
पहला टेस्ट मैच कोलकाता में 30 रन से हारने के बाद, भारतीय टीम इस समय सीरीज में 0-1 से पीछे है। अब उन्हें इस मैच को बचाने की आवश्यकता है ताकि वे सीरीज को बराबर कर सकें। हालांकि, मौजूदा आंकड़े भारत के पक्ष में नहीं हैं।
चौथे दिन भारत ने खोए दो महत्वपूर्ण विकेट
मंगलवार को यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल आउट हो गए। अब नाइटवॉचमैन कुलदीप यादव और साई सुदर्शन क्रीज पर हैं। भारत के पास अभी भी 8 विकेट शेष हैं और उन्हें पूरे 90 ओवर खेलने हैं। इसका मतलब है कि उन्हें 106 ओवर तक टिकना होगा।
पिछले 25 वर्षों में चौथी पारी में ओवर खेलने का रिकॉर्ड
- 2008, चेन्नई बनाम इंग्लैंड- 98.3 ओवर (जीत)
- 2001, अहमदाबाद बनाम इंग्लैंड- 97 ओवर (ड्रॉ)
- 2005, बेंगलुरु बनाम पाकिस्तान- 90 ओवर (हार)
- 2004, बेंगलुरु बनाम ऑस्ट्रेलिया- 87.4 ओवर (हार)
- 2011, दिल्ली बनाम वेस्टइंडीज- 80.4 ओवर (जीत)
पिछले 25 वर्षों में भारत ने चौथी पारी में कभी 100 ओवर से अधिक नहीं खेले हैं। 98.3 ओवर ही सबसे अधिक हैं। गुवाहाटी में 106 ओवर तक टिकना एक नया रिकॉर्ड स्थापित कर सकता है।
क्या 549 रन का लक्ष्य असंभव है?
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में, कोई भी टीम चौथी पारी में 549 रन का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई है। सबसे बड़ा सफल चेज वेस्टइंडीज ने 2003 में एंटीगा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 418 रन बनाकर किया था। भारत का सबसे बड़ा सफल चेज 2008 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ 387 रन रहा था। ऐसे में, जीत तो दूर, ड्रॉ करना भी चुनौतीपूर्ण प्रतीत हो रहा है।
भारतीय बल्लेबाजों की असली परीक्षा
साई सुदर्शन अपना पहला टेस्ट खेल रहे हैं, जबकि कुलदीप यादव नाइटवॉचमैन के रूप में आए हैं। अब ऋषभ पंत, ध्रुव जुरेल और रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ियों को लंबी पारियां खेलनी होंगी। गुवाहाटी की पिच अभी भी स्पिन और उछाल दे रही है, और मार्को जैंसन तथा केशव महाराज जैसे गेंदबाजों का सामना करना आसान नहीं होगा।