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भारत की अंडर-19 टीम की हार: ट्रॉफी लेने से किया इनकार, जानें क्यों?

भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम ने एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 191 रनों से हार का सामना किया। इस हार के बाद, भारतीय कप्तान आयुश म्हात्रे ने ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया, जिससे कई सवाल उठे। इस निर्णय के पीछे एशियन क्रिकेट काउंसिल के नियम और भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण क्रिकेट संबंधों का भी हाथ था। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और भारतीय टीम की नीति के बारे में।
 

फाइनल में पाकिस्तान से हार


भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम को एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 191 रनों से हार का सामना करना पड़ा। यह परिणाम भारतीय खिलाड़ियों के लिए निराशाजनक रहा, क्योंकि ग्रुप स्टेज में उन्होंने पाकिस्तान को आसानी से हराया था। फाइनल में टीम इंडिया का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा, जिसके चलते वे उप-विजेता बनकर लौटे।


आयुश म्हात्रे का ट्रॉफी लेने से इनकार

फाइनल के बाद हुए पुरस्कार वितरण समारोह में भारतीय कप्तान आयुश म्हात्रे ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से मना कर दिया। इसके बजाय, भारत ने ट्रॉफी अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन मीरवाइस अशरफ से प्राप्त की। इस निर्णय पर कई सवाल उठे, खासकर यह कि क्या सीनियर टीम की तरह इस बार भी नकवी भारत को ट्रॉफी देंगे।


इस निर्णय के पीछे एक ठोस कारण था। एसीसी के नियमों के अनुसार, विजेता टीम को ट्रॉफी चेयरमैन द्वारा दी जाती है। चूंकि इस फाइनल में पाकिस्तान विजेता रहा, इसलिए ट्रॉफी उन्हें दी जानी थी। उप-विजेता टीम को ट्रॉफी एसीसी के किसी अन्य सदस्य द्वारा दी जा सकती है। इसी कारण भारत ने ट्रॉफी अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन से ली।


भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंधों में तनाव

भारत के इस निर्णय का एक और कारण अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जुड़ा है। इस घटना के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। भारत ने सितंबर 2025 में सीनियर एशिया कप में पाकिस्तान का सामना किया, लेकिन हर बार पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया। इसी परंपरा को युवा टीम ने भी फाइनल में जारी रखा और किसी भी पाकिस्तानी अधिकारी से ट्रॉफी लेने से परहेज किया।


इस प्रकार, अंडर-19 एशिया कप फाइनल में भारत का प्रदर्शन भले ही मैदान पर कमजोर रहा, लेकिन ट्रॉफी ग्रहण करने के मामले में टीम ने अपने रुख को स्पष्ट किया। यह परंपरा महिला वनडे वर्ल्ड कप से लेकर अंडर-19 एशिया कप तक सभी प्रमुख टूर्नामेंटों में भारतीय टीम की नीति का हिस्सा रही है।