भारत की हार पर सुनील गावस्कर की कड़ी प्रतिक्रिया
भारत की हार का सामना
नई दिल्ली: कोलकाता के ईडन गार्डन्स में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट में भारत को केवल 30 रनों से हार का सामना करना पड़ा। 124 रनों का लक्ष्य भी टीम इंडिया हासिल नहीं कर पाई, जिससे फ्रीडम ट्रॉफी सीरीज में भारत 0-1 से पीछे हो गया।
गावस्कर की नाराजगी
इस हार के बाद, पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में भाग नहीं लेते, और यही कारण है कि वे कठिन पिचों पर असफल हो रहे हैं।
छोटे लक्ष्य पर बड़ी हार
शुभमन गिल चोट के कारण खेल से बाहर हो गए थे, जिसके चलते भारत को दस बल्लेबाजों के साथ मैदान में उतरना पड़ा। फिर भी, 124 रनों का लक्ष्य हासिल करना संभव था, लेकिन पूरी टीम लड़खड़ा गई। स्पिन गेंदबाजी के सामने भारतीय बल्लेबाजों की स्थिति कमजोर नजर आई। गावस्कर ने इसे घरेलू क्रिकेट से दूरी का परिणाम बताया।
गावस्कर का तीखा बयान
गावस्कर ने एक स्पोर्ट्स चैनल से बातचीत में मौजूदा खिलाड़ियों पर तीखा हमला करते हुए कहा, "हमारे अधिकांश खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट नहीं खेलते। रणजी ट्रॉफी में टीमों को नॉकआउट में जाने के लिए पॉइंट्स की आवश्यकता होती है, इसलिए वहां टर्निंग पिचें बनाई जाती हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "वहां गेंद पकड़ती है और घूमती है। अगर आप वहां खेलेंगे, तो ऐसी पिचों का अनुभव होगा। लेकिन हमारे खिलाड़ी ऐसा नहीं करते। वे वर्कलोड का बहाना बनाते हैं और केवल तब रणजी खेलते हैं जब फॉर्म में नहीं होते।"
रणजी ट्रॉफी में खेलने की सलाह
गावस्कर ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर टर्निंग ट्रैक पर खेलना है, तो उन खिलाड़ियों को मौका दिया जाना चाहिए जो नियमित रूप से रणजी ट्रॉफी खेल रहे हैं। जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलकर आराम कर रहे हैं, उन्हें ऐसी पिचों पर कठिनाई होती है।
वर्कलोड प्रबंधन पर सवाल
आजकल "वर्कलोड मैनेजमेंट" एक बड़ा मुद्दा बन गया है। कई बड़े खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी के मैचों को छोड़ देते हैं। गावस्कर ने इसे एक बहाना बताया और कहा कि अगर खिलाड़ी नियमित रूप से घरेलू क्रिकेट खेलते रहें, तो उनकी तकनीक मजबूत रहेगी और वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी टर्निंग ट्रैक पर सहज रहेंगे।
अगला टेस्ट: करो या मरो
अब गुवाहाटी में होने वाला दूसरा टेस्ट भारत के लिए करो या मरो की स्थिति में है। यदि टीम को सीरीज बचानी है, तो बल्लेबाजी में सुधार करना आवश्यक होगा।