भारत की हार: साउथ अफ्रीका ने आखिरी ओवरों में पलटा मैच
खेल समाचार:
भारत ने पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया, लेकिन टीम की शुरुआत कमजोर रही। 102 रन पर 6 बल्लेबाज आउट हो गए। स्मृति मंधाना ने 23 और कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 9 रन बनाकर पवेलियन लौट गईं। मध्यक्रम पूरी तरह से विफल रहा, लेकिन ऋचा घोष ने 77 गेंदों में 94 रन बनाकर टीम को संभाला। उनकी पारी में 8 चौके और 3 छक्के शामिल थे, लेकिन अन्य बल्लेबाज उनका साथ नहीं दे सके।
252 रन पर समाप्त हुई पारी
भारतीय टीम ने 50 ओवर में 252 रन बनाए। ऋचा घोष के अलावा कोई अन्य बल्लेबाज महत्वपूर्ण योगदान नहीं दे सका। निचले क्रम ने कुछ रन जोड़े, लेकिन कुल स्कोर बड़ा नहीं हो सका। तीसरे विकेट के बाद लगातार बल्लेबाज जल्दी आउट होते रहे, जिससे दबाव बढ़ गया। भारतीय बल्लेबाज साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों के सामने टिक नहीं पाए, जिससे बड़ा स्कोर बनाने का सपना अधूरा रह गया।
साउथ अफ्रीका की भी शुरुआत कमजोर
लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका की शुरुआत भी कमजोर रही। ताजमिन ब्रिट्स बिना खाता खोले आउट हो गईं। कई बल्लेबाज टिक नहीं पाए, जिससे भारत को उम्मीद जगी। पहले दस ओवरों में भारतीय गेंदबाजों ने मैच पर पकड़ बनाने की पूरी कोशिश की। रेणुका ठाकुर और दीप्ति शर्मा ने शुरुआती झटके दिए। दर्शकों को लगा कि भारत वापसी कर सकता है।
डी क्लर्क ने पारी को संभाला
एक छोर पर नदिन डी क्लर्क ने धैर्य से खेलते हुए नाबाद 84 रन बनाए। उनके साथ मरिजाने कप ने 42 रन बनाकर टीम को संभाला। डी क्लर्क ने बाउंड्री और सिंगल का संतुलन बनाए रखा। उनकी शांत बल्लेबाजी ने अन्य खिलाड़ियों को प्रेरित किया। मैदान में उनका आत्मविश्वास साउथ अफ्रीकी डगआउट को भी उत्साहित करता रहा।
ट्रायोन ने मैच पलटा
आखिरी ओवरों में क्लो ट्रायोन ने शानदार बल्लेबाजी की। डी क्लर्क और ट्रायोन की 60 गेंदों पर 69 रन की साझेदारी ने भारत से जीत छीन ली। ट्रायोन ने आते ही बड़े शॉट्स लगाकर रनगति तेज कर दी। भारत के गेंदबाज बाउंड्री रोकने में असफल रहे। उनके चौके दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिए और भारत को बैकफुट पर धकेल दिया।
गेंदबाजी में कमी
भारत की ओर से दीप्ति शर्मा और रेणुका ठाकुर ने 2-2 विकेट लिए, लेकिन अंतिम ओवरों में गेंदबाज दबाव नहीं बना सके। नतीजतन, साउथ अफ्रीका ने 48.5 ओवर में मैच जीत लिया। भारत की फील्डिंग में भी कमी रही, जिससे विपक्षी को मौके मिले। आखिरी ओवरों में कैच छूटे और रन रोकने में नाकामी रही, जिससे जीती हुई बाज़ी हाथ से निकल गई।