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भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंधों में अनिश्चितता: एशिया कप पर सवाल

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों में हाल के वर्षों में काफी तनाव बढ़ा है। भारतीय टीम ने पाकिस्तान में खेलने से मना कर दिया है, और एशिया कप में पाकिस्तानी टीम की भागीदारी पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या पाकिस्तान भारत आएगा? जानें इस लेख में।
 

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध

पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान में खेलने से मना कर दिया है। इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय मैच नहीं हुआ है, और बड़े टूर्नामेंट की बात तो दूर है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद, यह संदेह बढ़ गया है कि क्या दोनों टीमें किसी बड़े टूर्नामेंट में आमने-सामने आएंगी। सितंबर में भारत में होने वाले एशिया कप को लेकर भी चर्चाएं चल रही हैं कि क्या पाकिस्तानी टीम भारत आएगी।
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, एशिया कप 10 सितंबर से भारत में आयोजित होने की संभावना है। इस साल, भारतीय टीम ने पाकिस्तान में आयोजित चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लेने से इनकार कर दिया था। पाकिस्तान ने एक नया स्टेडियम बनवाया था, यह उम्मीद करते हुए कि भारतीय टीम वहां आएगी और आर्थिक लाभ होगा। लेकिन, वहां के लोग इतने गरीब हैं कि उन्होंने अपने मैच भी नहीं देखे। यहां तक कि अंतिम मैच को देखने के लिए भी दर्शकों को आमंत्रित करना पड़ा।
भारत के इनकार के कारण, सभी मैच यूएई में खेले गए। अब पाकिस्तान भी इसी रास्ते पर चल सकता है और भारत में खेलने से मना कर सकता है। वे अपने मैच श्रीलंका, बांग्लादेश या यूएई में आयोजित करने की मांग कर सकते हैं। एशिया कप टी20 प्रारूप में खेला जाएगा, जिसमें भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और यूएई की टीमें शामिल होंगी।
हालांकि, पाकिस्तान ने अभी तक भारत में खेलने से मना नहीं किया है। एशिया कप की शुरुआत 1984 में हुई थी, और अब तक 16 टूर्नामेंट आयोजित हो चुके हैं। इनमें से भारत ने 8 बार जीत हासिल की है, जबकि श्रीलंका ने 6 बार और पाकिस्तान ने केवल 2 बार यह टूर्नामेंट जीता है। 2008 के मुंबई हमलों के बाद से, भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले बंद हो गए हैं, और दोनों टीमें केवल ICC और ACC टूर्नामेंट में ही एक-दूसरे के खिलाफ खेलती हैं। इस स्थिति ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है, क्योंकि भारत ही एकमात्र ऐसा देश था जो पाकिस्तान को वित्तीय सहायता प्रदान करता था।