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भारत में नई इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन प्रणाली की शुरुआत

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में नई इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन प्रणाली की शुरुआत की घोषणा की है। यह प्रणाली 10 स्थानों पर लागू की गई है और अगले एक वर्ष में इसे पूरे देश में विस्तारित किया जाएगा। पारंपरिक टोल प्लाजा प्रणाली समाप्त होने जा रही है, जिससे वाहन चालकों को टोल के लिए रुकना नहीं पड़ेगा। इसके अलावा, बिना FASTag वाले वाहनों के लिए राहत की नई व्यवस्था भी लागू की गई है। जानें इस नई प्रणाली के बारे में और अधिक जानकारी के लिए पूरा लेख पढ़ें।
 

नई टोल कलेक्शन प्रणाली का ऐलान

नई दिल्ली - केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में घोषणा की कि देश में एक नई इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन प्रणाली लागू की गई है। इस प्रणाली का प्रारंभिक चरण 10 स्थानों पर शुरू किया गया है, और इसे अगले एक वर्ष में पूरे देश में विस्तारित किया जाएगा।


गडकरी ने बताया कि इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद पारंपरिक टोल प्लाजा प्रणाली समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा, “टोल के नाम पर आपको कोई नहीं रोकेगा। ‘इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन’ एक साल के भीतर पूरे देश में लागू किया जाएगा।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में देशभर में 10 लाख करोड़ रुपये की 4,500 राजमार्ग परियोजनाएं चल रही हैं।


इस साल अक्टूबर में, केंद्र सरकार ने बिना फास्टैग वाले वाहन चालकों को राहत प्रदान की थी। इस राहत के तहत, यदि किसी वाहन में FASTag नहीं है या वह काम नहीं कर रहा है, तो टोल प्लाजा पर नकद में दोगुना टैक्स देने के बजाय UPI के माध्यम से भुगतान करने पर केवल 1.25 गुना टोल टैक्स देना होगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया था, और यह नई व्यवस्था 15 नवंबर से देशभर के टोल प्लाजा पर लागू हो चुकी है।