भारतीय क्रिकेट टीम की चयन नीति पर उठे सवाल, पूर्व खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया
भारतीय क्रिकेट टीम की चयन नीति पर विवाद
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम की चयन प्रक्रिया इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चल रही टेस्ट श्रृंखला में टीम प्रबंधन द्वारा लिए गए निर्णयों ने प्रशंसकों और पूर्व क्रिकेटरों को चौंका दिया है।
विशेष रूप से नंबर-3 की बल्लेबाजी स्थिति को लेकर हो रहे प्रयोग ने सभी को चिंतित कर दिया है। इस बीच, पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज डोडा गणेश ने टीम प्रबंधन और मुख्य कोच गौतम गंभीर पर तीखा हमला किया है।
नंबर-3 पर हो रहे प्रयोग
सीरीज के आरंभ से पहले, टीम प्रबंधन ने करुण नायर और साई सुदर्शन को नंबर-3 के लिए आजमाया था। उम्मीद थी कि इनमें से कोई एक इस स्थान को स्थायी रूप से हासिल कर लेगा। लेकिन जैसे ही पहला टेस्ट शुरू हुआ, सभी हैरान रह गए।
नंबर-3 पर बल्लेबाजी करने के लिए वॉशिंगटन सुंदर मैदान में उतरे, जो मुख्यतः एक स्पिन गेंदबाज हैं। साई सुदर्शन स्क्वॉड में थे, लेकिन उन्हें प्लेइंग-XI में जगह नहीं मिली। दूसरे टेस्ट में गुवाहाटी में एक नया मोड़ आया, जब साई सुदर्शन को मौका मिला और वे नंबर-3 पर बल्लेबाजी करने आए।
डोडा गणेश की आलोचना
पूर्व तेज गेंदबाज डोडा गणेश ने सोशल मीडिया पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह चयन नीति पूरी तरह से अव्यवस्थित है। उन्होंने गौतम गंभीर और टीम प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय टीम इस समय "अब तक की सबसे कंफ्यूज टीम" लग रही है।
मैदान पर प्रदर्शन की स्थिति
चयन में उलझन के साथ-साथ बल्लेबाजी भी कमजोर साबित हो रही है। दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 489 रन बनाए, जबकि भारत केवल 201 रन पर आउट हो गया। एक समय पर भारत ने 122 रन पर 7 विकेट खो दिए थे।
हालांकि, वॉशिंगटन सुंदर (48 रन, 92 गेंदों में) और कुलदीप यादव (19 रन, 134 गेंदों में) ने आठवें विकेट के लिए 72 रनों की साझेदारी करके कुछ सम्मान बचाया। यदि ये दोनों नहीं लड़ते, तो हार और भी शर्मनाक होती।
मार्को जैंसन की गेंदबाजी का असर
सुंदर के आउट होते ही दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने बाकी विकेट जल्दी-जल्दी ले लिए। मार्को जैनसेन ने 6/48 और साइमन हार्मर ने 3/64 के आंकड़े के साथ भारतीय बल्लेबाजी को तोड़ दिया। इस प्रकार, भारत को पहली पारी में 288 रनों की भारी बढ़त का सामना करना पड़ा।