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भारतीय क्रिकेटरों की विदेशी टी20 लीगों में भागीदारी पर बीसीसीआई की नीति

भारतीय क्रिकेटरों की विदेशी टी20 लीगों में भागीदारी पर बीसीसीआई की सख्त नीति है। वर्तमान में, सक्रिय खिलाड़ी केवल IPL में खेल सकते हैं। इस नीति के पीछे वर्कलोड प्रबंधन और घरेलू क्रिकेट की आवश्यकताएं हैं। जानें इस विषय पर अरुण धूमल के विचार और भविष्य में संभावित बदलावों के बारे में।
 

भारतीय खिलाड़ियों की विदेशी लीगों में भागीदारी पर चर्चा


नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेटरों के विदेशी टी20 लीगों में खेलने को लेकर हमेशा बहस होती रहती है। प्रशंसक अक्सर यह जानने की कोशिश करते हैं कि विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे प्रमुख खिलाड़ी अन्य लीगों में क्यों नहीं खेलते हैं।


बीसीसीआई की सख्त नीति

हाल ही में IPL के चेयरमैन अरुण सिंह धूमल ने इस विषय पर स्पष्टता प्रदान की है, जो भारतीय क्रिकेट की मौजूदा नीति को दर्शाता है। उन्होंने रोहित और विराट के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है।


भारतीय खिलाड़ी विदेशी लीगों में नहीं खेल सकते


बीसीसीआई की वर्तमान नीति के अनुसार, सक्रिय भारतीय खिलाड़ी विदेशी टी20 लीगों में भाग नहीं ले सकते। इसका अर्थ है कि विराट कोहली, रोहित शर्मा और शुभमन गिल जैसे सितारे केवल IPL में ही फ्रैंचाइजी टी20 क्रिकेट खेल सकते हैं।


खिलाड़ी केवल रिटायरमेंट के बाद ही अन्य लीगों में जा सकते हैं। यह नियम भारतीय क्रिकेट को मजबूत बनाए रखने और IPL की विशिष्टता को बनाए रखने के लिए बनाया गया है।


वर्कलोड प्रबंधन का महत्व

वर्कलोड प्रबंधन मुख्य कारण


अरुण धूमल ने पत्रकार विमल कुमार से बातचीत में बताया कि भारतीय खिलाड़ियों का वर्कलोड पहले से ही बहुत अधिक है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय मैचों के साथ-साथ घरेलू क्रिकेट जैसे विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी भाग लेना होता है।


धूमल ने कहा, "भारत में क्रिकेट की इतनी अधिकता है और प्रशंसकों की संख्या इतनी अधिक है कि विदेशी लीगों के लिए कोई स्थान नहीं बचता। विशेषकर बड़े खिलाड़ियों के लिए यह चुनौतीपूर्ण है क्योंकि वे तीनों प्रारूपों में खेलते हैं। यदि उन्हें विदेशी लीगों में भेजा जाता है, तो राष्ट्रीय टीम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।"


भविष्य में संभावित बदलाव

निकट भविष्य में बदलाव की संभावना कम


धूमल ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में बड़े खिलाड़ियों के लिए विदेशी लीगों में खेलने का कोई अवसर नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि समय के साथ इस पर विचार किया जा सकता है। लेकिन फिलहाल, वर्कलोड और घरेलू क्रिकेट की आवश्यकताओं को देखते हुए कोई बदलाव नहीं होगा।


यह नीति भारतीय क्रिकेट के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक मानी जाती है। इससे खिलाड़ी फिट रहते हैं और राष्ट्रीय टीम को प्राथमिकता मिलती है। प्रशंसकों को उम्मीद है कि भविष्य में कुछ लचीलापन आएगा, लेकिन अभी IPL ही भारतीय सितारों का मुख्य मंच बना रहेगा।