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भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी पर बहस: हरमनप्रीत कौर को हटाने की मांग

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप जीता है, लेकिन इस जीत के बाद कप्तानी को लेकर बहस छिड़ गई है। पूर्व कप्तान शांता रंगस्वामी का मानना है कि हरमनप्रीत कौर को कप्तानी से हटाना चाहिए ताकि वे अपने खेल पर ध्यान केंद्रित कर सकें। रंगस्वामी स्मृति मंधाना को सभी प्रारूपों का कप्तान बनाने का समर्थन कर रही हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और क्यों बदलाव जरूरी है।
 

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक जीत


नई दिल्ली: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया है, जो देश के लिए गर्व का क्षण है। लेकिन इस जीत के तुरंत बाद कप्तानी को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। पूर्व कप्तान शांता रंगस्वामी का मानना है कि हरमनप्रीत कौर को वनडे कप्तानी से हटा देना चाहिए।


कप्तानी पर शांता रंगस्वामी की राय

रंगस्वामी ने एक इंटरव्यू में कहा कि हरमनप्रीत कौर एक बेहतरीन बल्लेबाज और फील्डर हैं, लेकिन कप्तान के रूप में कभी-कभी उनकी रणनीतियों में कमी रह जाती है। उनका मानना है कि कप्तानी का बोझ हटने से हरमनप्रीत अपने खेल पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगी, जिससे टीम और खिलाड़ियों को लाभ होगा।


क्यों जरूरी है कप्तानी में बदलाव?

रंगस्वामी के अनुसार, यह बदलाव अभी करना आवश्यक है क्योंकि अगले वनडे वर्ल्ड कप 2029 में और अगले साल ब्रिटेन में टी20 वर्ल्ड कप होना है। उन्हें लगता है कि जीत के जश्न मनाने के बजाय भविष्य की रणनीतियों पर ध्यान देना चाहिए। रंगस्वामी ने कहा कि क्रिकेट में भी एक सफल कंपनी की तरह दीर्घकालिक दृष्टिकोण होना चाहिए।


स्मृति मंधाना को कप्तान बनाने का समर्थन

रंगस्वामी स्मृति मंधाना को सभी प्रारूपों का कप्तान बनाने की सिफारिश कर रही हैं। मंधाना का शांत स्वभाव और स्मार्ट निर्णय लेने की क्षमता उन्हें एक उत्कृष्ट कप्तान बनाती है। रंगस्वामी का मानना है कि मंधाना के नेतृत्व में टीम भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो सकेगी, जिससे भारतीय महिला क्रिकेट को नई दिशा मिलेगी।


रोहित शर्मा से तुलना का संदर्भ

रोहित शर्मा का उदाहरण इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि पुरुष टीम में भी कुछ ऐसा ही हुआ था। रोहित ने इस साल चैंपियंस ट्रॉफी जीती, फिर भी उनकी कप्तानी ले ली गई। चयनकर्ताओं ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए नया नेता चुना।


रंगस्वामी का कहना है कि महिला टीम में भी इसी तरह का दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। जीत के बाद बदलाव करना कठिन लगता है, लेकिन यह टीम के हित में है। हरमनप्रीत के पास अभी तीन-चार साल का अच्छा क्रिकेट बाकी है, और कप्तानी से मुक्त होकर वे केवल बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं, जिससे उनका प्रदर्शन बेहतर होगा।